न्यूज11 भारत
रांचीः एक अरब 22 करोड़ राशि उपलब्ध रहने पर भी साइकिल राज्य की बच्चों तक नहीं पहुंच रहा है. झारखंड में आठवीं कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा की छात्राओं को पिछले तीन वर्षों से साइकिल नहीं दी जा रही है. 2020 और 2021 में साइकिल का वितरण नहीं होने से 244 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाया. कमोबेश यही स्थिति 2022 की भी है. यदि इस वर्ष भी साइकिल का वितरण नहीं पो पाया, तो फिर 122 करोड़ रुपये धरे रह जायेंगे. यानी तीन अरब से अधिक की राशि का सरकार उपयोग नहीं कर पा रही है. कल्याण विभाग की तरफ से बच्चियों को मुफ्त में साइकिल दिया जाता रहा है. पर कोविड की वजह स सवा तीन लाख बच्चियों को 2020 में साइकिल नहीं दी गयी. सरकार ने साइकिल खरीद का पैसा लाभुकों के खाते में नहीं दिया. इसके बाद कहा गया कि आठवीं और नौंवी कक्षा के बच्चों को साइकिल दी जायेगी.
बता दें, कल्याण विभाग ने नये प्रावधान बनाये. इसमें तय किया कि बच्चों को डीबीटी के माध्यम से पैसे नहीं दिये जायेंगे. टेंडर निकाल कर साइकिल की खरीद सरकार करेगी. पर साइकिल खरीद के लिए टेंडर में एक ही कंपनी ने शिरकत की और फिर दुबारा टेंडर नहीं निकाला. योजना को चलाने के लिए 122 करोड़ रुपये की राशि आवंटित होती है. यह राशि हर वित्तीय वर्ष के लिए होती है. दो वर्ष में गरीब छात्रों का 244 करोड़ की राशि का उपयोग नहीं हो पाया. इस योजना को सरकार ने आठवीं कक्षा से शुरू किया था़ माध्यमिक स्कूल से पास करने के बाद बच्चे हाइस्कूल में जाते है़. पंचायतों में हाईस्कूल की दूरी ज्यादा होती है. बच्चे दूर से आते है़ं. उनके आने जाने में सुगमता हो, इसलिए साइकिल वितरण योजना की शुरुआत की गयी थी. बच्चों के ड्रॉप आउट को रोकने के लिए यह योजना बनी थी.