न्यूज11 भारत
धनबाद : एक लड़की के अपहरण मामले में एक ही परिवार के तीन लोग 9 महीना जेल में रहे, दो की नौकरी चली गई. नौकरी जाने के सदमे में एक की मौत हो गई. अब वह लड़की पूरे 18 साल बाद वापस लौटी है. लड़की 2003 में गायब हुई थी.
मामला धनबाद के झरिया का है, जहां लोदना ओपी क्षेत्र के बंगाली दास की बेटी आरती कुमारी 2003 में गायब हो गई थी. अब जब 18 साल बाद लड़की वापस घर लौटी है तो उसने बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था, वह लोदना रक्षा काली मेला के दौरान वह भटक कर और खड़गपुर चली गई थी और वहीं एक मंदिर में रह रही थी. इस बीच वह परिवार जिसपर अपहरण का आरोप लगाया था, वो अब प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है.
इसे भी पढ़ें, CCL रांची में अप्रेंटिस के 539 पदों पर नियुक्ति, आज अंतिम दिन
पूरे मामले को लेकर आरोपित परिवार के सदस्य सनोज निषाद ने कहा कि लड़की के पिता ने उनपर अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था. इस झूठे आरोप में उसके पिता रामेश्वर निषाद, भाई मनोज निषाद, चचेरे भाई राजू निषाद लगभग 9 महीना जेल में रहे. उसने कहा कि झूठे आरोप में रामेश्वर निषाद, राजू निषाद की नौकरी भी चली गई. ये दोनों बीसीसीएल (BCCL) में कार्यरत थे. लेकिन नौकरी जाने के सदमे से रामेश्वर निषाद की मौत हो गई.