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रांचीः गणपति बप्पा यानी गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरूआत 31 अगस्त को हो चुकी है. यह उत्सव10 दिनों कर चलेगा और उसके बाद बप्पा का विसर्जन किया जाएगा. पूरे देश में इस उत्सव बड़े उत्साह और हर्ष के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है घरों में बप्पा की प्रतिमा भी 31 अगस्त को ही स्थपित कर ली गई है. चारों तरफ केवल 'गणपति बप्पा मोरिया' के जयकारे सुनाई दे रहे है.
बता दें, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में गणेशोत्सव मनाया जाता है. 10 दिनों तक इस उत्सव के पर्व को पूरे धूमधाम से मनाया जाता है, अंत में यानी 10 दिवसीय महोत्सव के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है. इस दिन लोग बप्पा की प्रतिमा को नदी, तालाब, समुद्र आदि में विसर्जित करते हैं. हालांकि अगर आप इको फ्रेंडली गणपति की स्थापना करते हैं तो किसी गमले या पानी के टब में भी इसका विसर्जन आसानी से कर सकते हैं.
आइए जानते हैं इस साल कब किया जाएगा गणपति बप्पा का विसर्जन और क्या है इसके लिए शुभ मुहूर्त.
पूरे 10 दिनों तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला गणेश उत्सव का त्योहार के आखिरी दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है इसके साथ ही इस उत्सव का समापन होता है. लोग गणपति का विसर्जन इस उम्मीद से करते हैं कि वह अगले साल फिर से आएंगे. इसलिए विसर्जन के दौरान ‘गणपति बप्पा मोरया कहा जाता है, यानी अगले बरस तू जल्दी आना’.
कैसे शुरू हुई विसर्जन की परंपरा
गणेश चतुर्थी पर्व के इतिहास बात करें, तो बाल गंगाधर तिलक ने सबसे पहले महाराष्ट्र से इस पर्व की शुरुआत थी. इससे पहले भी गणेश चतुर्थी मनाई जाती थी. लेकिन लोग अपने घरों में ही गणेश जी की पूजा करते थे इस उत्सव को लेकर पंडाल या फिर भव्य आयोजन नहीं किए जाते थे. बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में सबसे पहली बार महाराष्ट्र में धूमधाम और सामूहिक रूप से इस पर्व की शुरुआत की. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई. हालांकि जन-जन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्हें एक मंच की जरूरत थी. इसलिए उन्होंने गणेश महोत्सव की शुरुआत की. गणेश महोत्सव के बाद गणेश विसर्जन भी किया गया था. तब से ही गणपति विसर्जन किए जाने परंपरा की शुरूआत हुई.
गणपति विसर्जन मुहूर्त
- गणपति विसर्जन के लिए मुहूर्त
- प्रातः काल मुहूर्त-6:05 से 10:45 तक इसमें चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया होंगे
- अपराह्न मुहूर्त- 12:18 से 1:52 तक चौघड़िए में विसर्जन
- शाम में मुहूर्त- 5:00 से 6:31 तक चर का चौघड़िया रहेग
- रात्रि मुहूर्त - 9:26 से 10:52 तक लाभ के चौघड़िए में विसर्जन
- रात्रि काल में शुभ अमृत और चर के चौघड़िया में विसर्जन 10 सितंबर 12:19 से 4:36 तक को विसर्जन कर सकते हैं
गणपति विसर्जन तिथि
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है. पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त और विधिपूर्वक किए गए विसर्जन से ही बप्पा का आशीर्वाद का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल शुक्रवार 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुर्दशी का पर्व है. विसर्जन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त प्रात: और अपराह्न के रहेंगे. लेकिन राहुकाल में भूलकर भी गणपति विसर्जन न करें.