न्यूज़ 11 भारत
रांची : हिंदू धर्म में गणपति का महत्व बहुत अधिक होता है. किसी भी पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना के साथ ही शुरू होती है. वैसे तो हर महीने की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत भी भक्त रखते है लेकिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी का खास महत्व होता हैं क्युकि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. तब से ही इस पवन पर्व को देश के हर कोने में धूम-धाम से मनाया जाता है. यें महोत्सव तीन से दस दिनों का होता है. इस साल उत्सव की शुरुआत आज यानि 10 सितंबर से शुरू हो जाएगी और आनेवाले 10 दिनों तक यानि 19 सितंबर तक अनंत चतुर्दश के दिन संपन्न हो जाएगी.
इसे भी पढ़ें, झारखंड में पिछले 24 घंटे में Corona के मिले 27 नए मामले, जानें पूरा Update
पूजा का शुभ मुहूर्त
आज गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.03 से दोपहर 1.33 तक रहेगा. चतुर्थी तिथि की शुरुआत 10 सितंबर को 12.18 से हो जाएगी और इसकी समाप्ति रात 9.57 बजे होगी.
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:31 से सुबह 05:17
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:43
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:23 से दोपहर 03:12
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:20 से शाम 06:44
अमृत काल- 06:59 ए एम से 08:28 ए एम
रवि योग- सुबह 06:04 से दोपहर 12:58
इस तरह करें गणेश जी की पूजा और इस बातों का रखें ध्यान
सबसे पहले एक कलश में जल भरें और उसके मुख को नए वस्त्र से बांध दें, फिर तांबे या मिट्टी की गणेश जी की प्रतिमा लें और उसे स्थापित कर दें. उसके बाद भगवान गणेश को पुष्प, सिंदूर, दूर्वा, घी और मोदक या लड्डू चढ़ाकर ध्यान लगाकर ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप उत्चारण के साथ पूजा करें. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में गणेश जी की मूर्ति को भक्त एक, तीन, सात और नौ दिनों के लिए घर पर रख सकते हैं और इसी विधि से पूजा कर सकते हैं.
• ध्यान रहे कि गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
• गणेश पूजन में गणेश जी की एक परिक्रमा करने का विधान है.
• इसके अलावा गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए.