झारखंड राज्य स्किल मिशन के अजय कुमार सिंह और कल्याण सचिव रहे राजीव अरुण एक्का की थी काफी मेहरबानी
स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना से लेकर कौशल विकास योजना का काम ले रखा था फ्रंटलाइन ग्लोबल कंपनी ने
2020 तक 10 लाख झारखंडी युवाओं को प्रशिक्षित करने का दिखाया था सपना
न्यूज11 भारत/दीपक
रांची: प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से मंगलवार को विशाल चौधरी और अमित झा के आधा दर्जन ठिकाने पर सुबह से छापामारी जारी है. छापेमारी में एक बड़ी रकम बतौर नगदी प्राप्त होने की अपुष्ट सूचना है. इनके पिता त्रिनेणी चौधरी हैं. फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेज की धूम नगर विकास विभाग और कल्याण विभाग समेत उच्च तकनीक और कौशल विकास विभाग में भी रही है. जब राजीव अरुण एक्का कल्याण विभाग के सचिव थे, उस समय फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेज को अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रशिक्षित करने का बड़ा काम जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय से मिला था.
एक समय था, जब फ्रंटलाइन के प्रतिनिधि सबसे अधिक प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में दिखते थे
एक समय था, जब फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेज के प्रतिनिधि रोजाना प्रोजेक्ट भवन का चक्कर काटते थे. स्कील इंडिया के कार्यक्रमों में कल्याण विभाग की मदद के लिए यह चक्कर लगाये जाते थे. इतना ही नहीं झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के सीइओ रहे अजय कुमार सिंह के साथ भी इस कंपनी के संबंध अच्छे रहे हैं. नतीजतन इन्हें स्वर्ण जंयती शहरी रोजगार योजना का काम (एनएलयूएम) में मिला था. इसका उदघाटन भी काफी धूमधाम से तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में हुआ था. इसमें भी विकास चौधरी की भूमिका काफी अधिक रही थी. 2012-13 से लेकर 2019-20 तक इस कंपनी का झारखंड में काफी बोलबाला रहा. प्रर्शिक्षण देने के नाम पर 2020 तक 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का भारी-भरकम सपना इस कंपनी ने दिखाया था.
कंपनी झारखंड की सबसे बड़ी व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता होने का दावा करती थी
फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेज की तरफ से यह दावा किया जाता था कि वह झारखंड की निबंधित सबसे बड़ी व्यावसायिक प्रशिक्षण देनेवाली कंपनी है. झारखंड सरकार के एनसीवीटी कार्यक्रम को संचालित करने का जिम्मा इन्हें मिला था. इसके अलावा रांची और गढवा में त्वरित लाभ कार्यक्रम (आइएपी) के कार्यक्रमों को संचालित करने का जिम्मा इन्हें मिला हुआ था. झारखंड में स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के तहत एक हजार स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित करने का दावा यह कंपनी करती थी. फ्रंटलाइन ग्लोबल का दावा है कि उसके सेंटर रांची, गढ़वा, देवघर और सिमडेगा के अलावा बिहार और यूपी में भी हैं.