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रांची: बाबूलाल की ट्वीट के बाद झारखंड की राजनीति में आए कम्पन ने रातोंरात सीएम के पूर्व प्रधान सचिव का तबादला तो करा दिया मगर इडी की रडार पर सचिव राजीव अरुण एक्का लगातार बने हुए है. बता दें इसे लेकर भाजपा ने बजट सत्र के दौरान भी सदन में काफी हो हंगामा किया था. बता दें मनी लांड्रिंग के केस की जांच कर रही ईडी के रडार पर अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव और गृह सचिव रह चुके आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का हैं. मालूम हो कि इडी संताल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है.
इसी मामले को लेकर ईडी उनसे सोमवार 27 मार्च को पूछताछ करेगी. इससे पहले भी उन्हे समन जारी कर 15 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था, परंतु उन्होंने ईडी को पत्राचार कर 24 मार्च तक का समय देने के लिए आग्रह किया था. इस पत्र में उन्होने लिखा था कि विधानसभा सत्र के समापन के बाद का उन्हें समय दिया जाए. इसके बाद ईडी ने उनके आवेदन पर विचार करते हुए 27 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाने संबंधित समन पुन: जारी किया था.
मालूम हो कि उक्त समन में उन्हें 27 मार्च को ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है. बताते चलें कि पूर्व प्रधान सचिव पर आरोप है कि उनका नेताओं और नौकरशाहों के काले धन के निवेशक विशाल चौधरी से घनिष्ठ संबंध है. हाल ही में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो क्लिप जारी कर आरोप लगाया था कि वे सरकारी फाइलें भी विशाल के घर में निपटाते थे. वहीं मनी लांड्रिग मामले में पिछले साल ईडी ने 24 मई को विशाल चौधरी के ठिकाने पर ही छापेमारी के साथ-साथ राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकानों को भी तलाशा था.
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वहीं जब ईडी ने विशाल चौधरी के अरगोड़ा अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में छापेमारी करने पहुंची थी, तब उसने गेट खोलने से पहले अपना आइफोन कचरे में फेंक दिया था. हालांकि ईडी ने फेंके गए मोबाइल को जब्त कर लिया था. इस मोबाईल में विशाल चौधरी के डिजिटल साक्ष्य के विश्लेषण के बाद ईडी को यह सबूत मिला है कि तत्कालीन गृह सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का का विशाल चौधरी से घनिष्ठ संबंध था.
बता दें इडी की जांच में ये बात भी सामने आई है कि विशाल चौधरी विदेश भ्रमण का शौकीन रहा है. दो साल के भीतर विदेश भ्रमण पर उसने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की. साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में रेस्टोरेंट, मुजफ्फरपुर में फर्नीचर का शो-रूम सहित कई अचल संपत्तियां हैं.वहीं रांची में अरगोड़ा चौक के पास स्थित फ्रंटलाइन व विनायका ग्रुप का संचालक भी विशाल चौधरी ही है. इसके इसी ठिकाने से ईडी ने कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किया था.