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रांचीः देश में कोरोना वायरस का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है इसी बीच अब नया मामला मंकीपॉक्स ने देश में अपना पांव रख दिया है. बता दें, देश में मंकीपॉक्स के अबतक 4 मामले सामने आए थे. जो अब बढ़कर 5 हो गया है. आपको बता दें, यह पांचवां मामला झारखंड के गढ़वा शहर से मिला है. जानकारी के अनुसार, शहर के टंडवा मोहल्ले की एक 7 साल की बच्ची में इस संक्रमण के लक्षण मिले है. जिसे गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अबतक मंकीपॉक्स के होने की पुष्टि नहीं की है. लेकिन बच्ची के शरीर में मंकीपॉक्स से मिलते-जुलते लक्षण होने की बात कही जा रही है. शरीर पर छाले होने, दर्द और कई अन्य लक्षण होने की बात भी कही जा रही है.
जांच के लिए भेजा जाएगा नमूना
बच्ची का गढ़वा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. इधर इस संबंध में जिला महामारी विशेषज्ञ डा.संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि जिला सर्विलांस टीम बीमार बालिका की स्थिति पर नजर रखे हुए है. फिलवक्त सदर अस्पताल में एक वार्ड में रखकर उसका इलाज किया जा रहा है. जिला महामारी विशेषज्ञ डा.संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि बच्ची को एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा रही हैं. साथ ही छाले जैसे घावों की साफ-सफाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि आइसीएमआर एनआइवी पुणे में बीमार बालिका का पोलिमरेज चेन रिएक्शन, ब्लड जांच, सीरम जांच व घाव के इर्द गिर्द की परत के नमूने लेकर भेजा जाएगा. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है.
महामारी विशेषज्ञ डा.संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि बालिका का कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. बालिका की मां स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है. बीमार बच्ची में मंकीपॉक्स से मिलते जुलते लक्षण के कारण परिवार वालों ने बच्ची को सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया है. वह चार दिनों से बीमार है. तब उसके लक्षण के आधार पर इलाज व जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स का वायरस छूने के बाद ही एक-दूसरे में ट्रांसफर होता है. वायरस हवा से नहीं फैलता है. फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं: सिविल सर्जन
गढ़वा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डा.कमलेश कुमार ने कहा कि बरसात में इस तरह की कई बीमारियां सामने आती है और लोग ग्रसित हो जाते हैं. फिलहाल बच्ची को जिला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां इलाज चल रहा है. सिविल सर्जन ने कहा कि इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है. बच्ची का कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है, तो फिर मंकीपाक्स का वायरस उसमें कहां से आएगा. फिर भी सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा.
देश में अबतक थे मंकीपॉक्स के 4 मामले
आपको बता दें, कोरोना वायरस के बाद देश में मंकीपॉक्स अपना पांव धीरे से पसार रहा है, देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में मिला था. केरल में अबतक मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आए है वहीं दूसरा मामला दिल्ली से आया था. जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 34 साल के एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स का लक्षण मिला था. बताया जा रहा है कि दिल्ली का मरीज मनाली में एक पार्टी में शामिल होकर लौटा था. लक्षण मिलने के बाद उसे दिल्ली के LNJP अस्पताल में आइसोलेट किया गया है वहीं इसके संपर्क में आने वाले लोगों की भी पहचान की गई है और उन्हें भी आइसोलेट कर दिया गया है.
दुनियाभर में मंकीपॉक्स के करीब 17 हजार मामले
Monkeypoxmeter.com के डेटा के मुताबिक, भारत समेत 80 देशों में मंकीपॉक्स के करीब 16,886 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें सबसे अधिक यूरोप में लगभग 11,985 लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आ चुके हैं. वहीं इस वायरस से ग्रसित टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और बेल्जियम शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, मंकीपॉक्स से इस साल तीन लोगों की मौत हो गई है.
WHO ने घोषित की वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल
मंकीपॉक्स को लेकर WHO ने पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है. WHO ने कहा कि यह संक्रमण बीमारी मरीज से स्किन टु स्किन कॉन्टैक्ट करने से, उसे खाना खिलाने से इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी फैल सकता है.