न्यूज11 भारत
रांचीः झारखंड में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर काम कर रहे पारा शिक्षकों के खिलाफ अब सरकार कार्रवाई करेगी. राज्य में 60 हजार से अधिक पारा शिक्षक, सहायक शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना की तरफ से सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि वैसे पारा शिक्षक जिनके डिग्री फर्जी हैं और वे उसके आधार पर नौकरी कर रहे हैं, उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाये और मानदेय की वसूली की जाये. इसे लेकर सभी जिलों से कार्यरत सहायक शिक्षकों की रिपोर्ट मुख्यालय में मांगी गयी है.
5 सौ से अधिक पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र मिले फर्जी
इसे लेकर परियोजना निदेशक किरण पासी ने बताया कि पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच अभी चल रही है. इसमें कई पारा शिक्षकों के दस्तावेजों में गड़बड़ियां पायी गयी है. झारखंड अधिविद्य परिषद की ओर से पारा शिक्षकों के लिए आकलन की परीक्षा ली जायेगी. इस परीक्षा के पहले सभी पारा शिक्षकों के डिग्री से संबंधित दस्तावेज, प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. अब तक की जांच में पांच सौ से अधिक पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं. इसको लेकर ही राज्य शिक्षा परियोजना ने सभी जिलों को पत्र भेजा गया है, जिसमें 31 जनवरी तक जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा परियोजना इसी रिपोर्ट के आधार पर पारा शिक्षकों पर एफआईआर से लेकर मानदेय वसूली करने तक का काम करेगी.
पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश
बता दें, राज्य के विभिन्न जिलों के 133 पारा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने प्रमाण पत्र जांच के दौरान अपना त्यागपत्र दे दिया है. ऐसे पारा शिक्षकों के त्यागपत्र देने की वजह जांचने को कहा गया है. अगर त्यागपत्र देने की वजह फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करना आया तो ऐसे पारा शिक्षकों से मानदेय के भी वसूली तक होगी. वहीं, 107 पारा शिक्षक ऐसे भी हैं जो लंबे समय से स्कूल से गायब हैं. इनपर भी कार्रवाई करने को कहा गया है दो सौ से अधिक पारा शिक्षकों ने जांच के लिए अपने सर्टिफिकेट जमा ही नहीं किये. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने ऐसे पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया है.