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रांची: वर्तमान समय में में पिछड़ों के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति पर मंथन जरुरी है. लंबे समय से संघर्षरत इस समाज की लड़ाई को और बड़ा करने की तैयारी है. जबतक सामाजिक न्याय झारखंड के पिछड़ों को नहीं मिल पाएगा, तब तक वे खुद को उस स्तर तक स्थापित नहीं कर पाएंगे, जहां उनका हक है. हमारी मंशा बिल्कुल स्पष्ट है कि पिछड़ों को उनकी आबादी अनुसार आरक्षण सुनिश्चित हो. आरक्षण कोई भीख या मांग नहीं बल्कि हमारा संवैधानिक अधिकार है तथा पिछड़ों को विकास की मुख्यधारा में लाना हमारा मकसद है. सामाजिक न्याय मार्च के जरिये हमने पिछड़ों की मांग को मुख्यमंत्री तक पहुँचाया लेकिन सरकार इस विषय पर बिल्कुल भी गम्भीर नहीं. अब पिछड़ा वर्ग महासभा के सभी नेता एवं कार्यकर्ता अब राज्यपाल तक स्मार पत्र के माध्यम से पिछड़ों की आवाज पहुचाएंगे. उक्त बातें झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने रांची स्थित केंद्रीय कार्यालय में आयोजित अखिल झारखण्ड पिछड़ा वर्ग महासभा के राज्यस्तरीय सम्मेलन के दौरान कही.
सम्मेलन में मुख्य तौर पर आजसू पार्टी के प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस, केंद्रीय महासचिव लंबोदर महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष कुशवाहा शिवपूजन मेहता, केंद्रीय महासचिव रोशनलाल चौधरी तथा संतोष महतो, केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत, केंद्रीय सचिव माधव चंद्र महतो सहित अखिल झारखण्ड पिछड़ा वर्ग महासभा के सभी राज्यस्तरीय पदाधिकारी मौजदू रहें जिसमें मुख्य रुप से अखिल झारखण्ड पिछड़ा वर्ग महासभा के प्रदेश संयोजक विकास राणा, महेश्वर साहू, सुबोध प्रसाद, गुड्डू यादव, प्रोफेसर रविशंकर प्रसाद मौर्य, विजय साहू शामिल थे. साथ ही अखिल झारखण्ड पिछड़ा वर्ग महासभा के सभी जिलास्तरीय एवं प्रखंडस्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
सम्मेलन में ये प्रस्ताव हुए पारित
-जातीय जनगणना कराए सरकार
-राष्ट्रीय मानक और झारखण्ड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के आधार पर पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण सुनिश्चित हो
-पिछड़ों के लिए आजीवन वैधता वाला जाति प्रमाण पत्र निर्गत कराए सरकार
-सभी पिछड़ी जातियों एवं संगठनों को गोलबंद कर एक मंच पर लाने की तैयारी
-प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण सुनिश्चित हो