न्यूज11 भारत
रांची: पिछले कई दिनों से झारखंड में गाड़ी भर भर कर प्रवासी मजदूरों का वापस झारख्ंड में आना लगा हुआ था. इसकी वजह थी सोशल मीडीया पर वायरल वो विडीयों जिसमें कथित रूप से ये दिखाया गया था कि दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में झारखंड के मजदूरों के साथ मारपीट व धमकी दी जा रही है. इसे ले कर सोशल मीडीया पर कोहराम मचा हुआ भा और अलम ये था कि मीडीया और सरकारी तंत्र सभी चौंक गए थे .इस मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने जांच बैठाई और झारखंड के प्रतिनिधिमंडल को फौरन तमिलनाडु रवाना किया.
इसके बाद वहां की सरकार की मदद से जांच के बाद जो तथ्य सामने आए वो बेहद हैरान करनेवाले थे.बता दें तमिलनाडु में झारखंड के मजदूरों के साथ मारपीट और हत्याओं की झूठी खबरों के बीच तमिलनाडु पुलिस ने झारखंड के एक प्रवासी मजदूर और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा कि इन दोनों ने सोशल मीडीया पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए फेक वीडियो बनाया था और सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इधर पुलिस ने बताया कि दोनों प्रवासी मजदूरों ने अशांति पैदा करने के लिए वीडियो बनाए जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि उनके साथ स्थानीय लोगों ने मारपीट की. इस मामले में आगे बात करते हुए पुलिस ने बताया कि मनोज यादव और उसके दोस्त ने वीडियो में तमिलनाडु और झारखंड सरकार से अपने घर लौटने में मदद की गुहार लगा रहा है.
बता दें तमिलनाडु पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, “तांबरम सिटी पुलिस ने इसकी जांच की और पता चला, यह वीडियो मनोज यादव द्वारा लोकप्रियता हासिल करने और प्रवासी मजदूरों के बीच अशांति पैदा करने के लिए बनाया गया था.” मनोज यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं तमिलनाडु पुलिस ने यादव का एक कबूलनामा वीडियो भी जारी किया जिसमें आरोपी मजदूरों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, मैंने और मेरे दोस्तों ने एक फेक वीडियो बनाया.
मैं 25 साल से तमिलनाडु में रह रहा हूं और मुझे कोई परेशानी नहीं हुई है. खाना, रहना सब कुछ मिलता है. मेरे दोस्तों ने लोकप्रियता हासिल करने के लिए वीडियो डाला. ये सब झूठ हैं. बता दें तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों की एक बड़ी संख्या है, जिनमें से कई बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं.
इन अपवाहों के बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मंगलवार को कुछ प्रवासी कामगारों के पास पहुंचे और उन्हें सुरक्षित वर्क एनवायरोमेंट का आश्वासन दिया. स्टालिन ने यह भी आरोप लगाया कि धार्मिक और जाति आधारित हिंसा भड़काकर राज्य सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है. तिरुनेलवेली जिले के एक कारखाने में प्रवासी श्रमिकों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए, स्टालिन ने कहा: अफवाहें फैलाई जा रही हैं. आपको उन पर विश्वास नहीं करना है. हम चीजों का ध्यान रखेंगे.