न्यूज11 भारत
कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व कायम कर रहा है. ऐसे में हर रोज ओमिक्रॉन के मामले सामने आ रहे है. एक ओर कोरोना और ओमिक्रॉन दूसरी ओर मौसम की वजह से लोगों काफी बीमार हो रहे है. इस बीच एक और बात सामने आ रही है कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तरह गंभीर नहीं है और इसकी वजह से हल्की बीमारी ही हो रही है. कई लोग ये भी कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन का संक्रमण महज सर्दी-जुकाम की तरह हो गया है. जाहिर तौर पर ऐसे दावे शुरुआती आंकड़ों के आधार पर किए जा रहे थे. दक्षिण अफ्रीका में भी अब Covid-19 की वजह से मौत के मामले सामने आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स इन नए आंकड़ों का हवाला देकर लोगों को ओमिक्रॉन को हल्के में ना लेने की सलाह दे रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन को हल्का समझने की राय बहुत जल्दी बना ली गई.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स- महामारी विशेषज्ञ एरिक फीगल-डिंग ने ट्विटर पर लिखा, ' ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने #Omicron को जल्द ही हल्के में ले लिया है. इसे 'माइल्ड' कहना बंद कर दें. अपनी कम्यूनिटी और बच्चों को बचाएं.' इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से हो रही मौतों का नया ग्राफ शेयर किया है. हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि ये मौतें ओमिक्रॉन की वजह से हुई हैं या नहीं. बता दें कि ओमिक्रॉन की पहचान पिछले साल नवंबर में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही की गई थी. उसके बाद से ये पूरी दुनिया में फैल चुका है.
WHO के इमरजेंसी चीफ डॉक्टर माइकल रेयान ने कहा कि ओमिक्रॉन को कोरोना के प्रकोप का अंतिम वैरिएंट समझने की सोच काल्पनिक है. इस वायरस में अभी भी बहुत ऊर्जा है. कई डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स के अनुसार ओमिक्रॉन फेफड़ों पर हमला नहीं करता है. इसलिए इसका प्रभाव कम गंभीर लगता है. युवा और वैक्सीन वाले लोग इससे जल्द ही ठीक हो सकते हैं, लेकिन बूढ़े और पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए ओमिक्रॉन उतना 'हल्का' नहीं हो है जितना कि अनुमान लगाया जा रहा है.