ड्यूटी से गायब रहने वाले और निजी प्रैक्टिस करने का मामला आए तो विभागाध्यक्ष को सूचना देने कहा गया
सरफराज कुरैशी/न्यूज11 भारत
रांची: रिम्स में ड्यूटी से गायब रहने और निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसने की कवायद जारी है. अब ड्यूटी से गायब रहने और निजी प्रैक्टिस करने वाले वाले डॉक्टर की जानकारी उनके विभागाध्यक्ष रिम्स प्रबंधन को देंगे. इसको लेकर रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासन) चंदन कुमार ने सभी विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर ऐसे डॉक्टरों की जानकारी मांगी है. उन्होंने सभी विभागध्यक्ष से कहा है कि विभिन्न श्रोतों से सूचना प्राप्त हो रही है कि इस संस्थान के चिकित्सक अपने कर्त्तव्य स्थल पर समय-सारिणी के अनुरूप उपलब्ध नहीं होते. साथ ही रिम्स विनियमावली के विरूद्ध निजी क्लिनिक में समय देते हैं. इससे ना केवल रिम्स संस्थान में अनुशासनात्मक कमी आती है बल्कि इलाज के लिए यहां दूर-दराज से आए मरीजों की चिकित्सा में भी अनावश्यक विलंब होता है.
निजी प्रैक्टिस की दें साक्ष्य के साथ सूचना
रिम्स के सभी विभागाध्यक्ष से कहा गया है कि अपने विभाग में चिकित्सकों की उपस्थिति की दैनिक समीक्षा करें. अगर कोई डॉक्टर अपने कर्त्तव्य स्थल से अनुपस्थित पाए जाते हैं तो तत्काल इसकी सूचना दें. साथ ही अगर आपके विभाग में चिकित्सकों के द्वारा निजी प्रैक्टिस का कोई मामला आपकी जानकारी में आता है तो इसकी भी सूचना साक्ष्य सहित तत्काल उपलब्ध कराएं. ताकि, ना केवल उन पर संबंधित नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके. साथ ही अवैद्य रूप से प्राप्त गैर व्यवसायिक भत्ते की ब्याज सहित वसूली या उनके वेतन से कटौती भी की जा सके.
इस नियम के आधार पर होगी डॉक्टरों पर कार्रवाई
रिम्स विनियमावली 2014 के नियम 12 (V) में उल्लेखित है कि “संस्थान के सभी पद गैर व्यवसायिक होंगे तथा सभी चिकित्सा पदाधिकारी (निबंधित चिकित्सा व्यवसायी) रिम्स अधिनियम 2002 के प्रारंभ की तिथि (15 अगस्त 2002) से नियमानुसार गैर व्यवसायिक भत्ते प्राप्त करेंगे. अगर किसी कर्मी के विरूद्ध निजी व्यवसाय करने का दोष सिद्ध होता है उस स्थिति में उनके विरूद्ध राज्य असैनिक सेवाएं (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियमावली, 1930 के तहत एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के नियम के तहत कार्यवाई की जाएगी.