न्यूज11 भारत
रांचीः झारखंड सरकार नयी आबकारी नीति 2022 के कैबिनेट से पास होने के बाद रेस हो गयी है. 31 मार्च 2019 से चली आ रही पुरानी दुकानों के आवंटन की मियाद समाप्त हो गयी है. तीन साल के एक्सटेंशन पर पुरानी उत्पाद नीति के तहत शराब के दुकानों की बंदोबस्ती चल रही है. इसे एक माह का विस्तार दिया गया है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से नयी आबकारी नीति के तहत 1564 दुकानों की बंदोबस्ती शुरू नहीं की गयी है. पर 18 अप्रैल तक सभी प्रमंडलों में शराब के होलसेल लाइसेंसधारियों के लिए गोदाम का आवंटन, कैश कलेक्शन एजेंट, 1800 सिक्यूरिटी पर्सनल, चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म, प्लेसमेंट एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उत्पाद विभाग ने पूरे 24 जिले को इसके लिए 10 जोन में बांट दिया है. जोन वार कैश कलेक्शन एजेंट, सिक्यूरिटी गार्ड, प्लेसमेंट एजेंसी से जुड़ी कंपनियों का चयन किया जा रहा है. वहीं शराब के बड़े गोदामों का चयन प्रमंडलवार किया जायेगा. 18 अप्रैल के बाद शराब के रीटेल वेंडरों की जिलावार बोली लगनी भी शुरू हो जायेगी.
सबसे बड़ा प्रमंडल दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल होगा. यहां पर शराब के होलसेल गोदाम के लिए 80 हजार वर्गफीट का वेयरहाउस स्थापित होगा. इस वेयर हाउस में सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ क्वार्टर के रहने की भी सुविधा होगी. इसके अलावा उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल को दो भागों में बांट दिया गया है. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के ग्रुप-1 यानी रामगढ़, कोडरमा, चतरा और हजारीबाग के लिए 50 हजार वर्ग फीट का वेयरहाउस रखा जायेगा. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल-2, जिनमें गिरिडीह, धनबाद औऱ् बोकारो जिले शामिल हैं. वहां पर 70 हजार वर्ग फीट का गोदाम बनाया जाना है. इसी प्रकार कोल्हान प्रमंडल के लिए 70 हजार वर्ग फीट, संताल परगना के लिए 50 हजार वर्ग फीट और पलामू प्रमंडल के लिए 30 हजार वर्ग फीट का वेयर हाउस स्थापित किया जायेगा. सभी वेयर हाउस में सीसीटीवी कैमरा भी लगाये जायेंगे. इसके अलावा यहां पर आने वाले सभी वाहनों की ट्रैकिंग जीपीएस ट्रैकिंग विधि से की जायेगी.
सिक्यूरिटी गार्ड सर्विस प्रोवाइडर और प्लेसमेंट एजेंसियों को जोन-1 से लेकर जोन-10 तक के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जानी है. इसके लिए प्लेसमेंट एजेंसी और सिक्यूरिटी गार्ड सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के लिए न्यूनतम 50 करोड़ का टर्न ओवर होना अनिवार्य किया गया है.