सरफराज कुरैशी/न्यूज 11 भारत
रांची: मांडर विधानसभा उपचुनाव की तैयारी निर्वाचन आयोग जुट गया है. चुनाव को लेकर राज्य के तीन जिलों से ईवीएम मंगाए जाएंगे. इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने रांची के अलावा तीनों जिलों के डीसी को इस संबंध में निर्देश दिया है. ईवीएम शिफ्टिंग को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि देवघर से 1500 बैलेट यूनिट (बीयू), पलामू से 671 और लातेहार से 238 कंट्रोल यूनिट (सीयू) यानि कुल 909 सीयू प्राप्त करें. सभी चारों जिला के डीसी से कहा गया है कि ईवीएम शिफ्टिंग के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए. इस कार्य के लिए होने वाले खर्च का वहन रांची जिला करेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि निर्वाचन/न्यायालय वाद में संलग्न वेयर हाउस/स्ट्रांग रूम को इस कार्य के लिए नहीं खोला जाए.
20 मई तक एफएलसी के लिए निकल सकता है शेड्यूल
मांडर विधानसभा क्षेत्र के 271 भवनों में 429 बूथ हैं. मतलब 429 बीयू और 429 सीयू के अलावा 10 प्रतिशत रिजर्व भी रखा जाना है. दूसरी ओर तीनों जिलों से ईवीएम मशीन के बीयू-सीयू मिलने के बाद फर्स्ट लेबल चेकिंग (एफएलसी) कराई जाएगी. इससे यह पता चलेगा कि ईवीएम मशीन के कितने बीयू या सीयू खराब हैं. एफएलसी को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से 20 मई तक शेड्यूल जारी होने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम परिसर में ही अन्य चुनाव की तरह ईवीएम का एफएलसी किया जाएगा.
…तो दो ईवीएम लगाने पड़ेंगे
मांडर उपचुनाव को लेकर ईवीएम के बीयू-सीयू अधिक मंगाने के पीछे भी कारण हैं. दरअसल ईवीएम मशीन में कुल 16 बटन होते हैं. जिसमें 15 नंबर तक प्रत्याशी और 16वां नंबर बटन नोटा का होता है. ऐसे में अगर 15 से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतरे तो प्रत्येक बूथ पर दो-दो ईवीएम लगाने पड़ेंगे. मतलब 16 प्रत्याशी भी मैदान में उतरे तो मांडर के 429 बूथों में 858 ईवीएम लगाने पड़ेंगे.
इसलिए होना है उपचुनाव
आय से अधिक संपत्ति को लेकर सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 मार्च को दोषी मानते हुए मांडर विधायक बंधु तिर्की को तीन वर्ष की सजा सुनाई है. जिसके बाद झारखंड विधानसभा ने 8 अप्रैल को अधिसूचना जारी करते हुए विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता समाप्त कर दी. संवैधानिक प्रावधान के अनुसार दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होने पर विधायकी समाप्त हो जाती है. विधानसभा से जारी अधिसूचना के बाद भारत निर्वाचन आयोग को इस संबंध में अवगत कराते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार उपचुनाव कराने का आग्रह कर चुके हैं. अब चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग तारीख और कार्यक्रम पर निर्णय लेगी. बताते चलें कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार सदस्यता समाप्त होने की तारीख से 06 माह के अंदर उपचुनाव कराया जाता है. ऐसे में सितंबर माह तक चुनाव संपन्न कराए जाने हैं.