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रांची: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जंयती मना रहा है. वहीं रांची शहर में एक चटर्जी परिवार इस अवसर पर नेताजी की पसंदीदा कार को सड़कों पर दौड़ाकर पुरानी यादों को तरोताजा कर रहा है. चटर्जी परिवार की दूसरी पीढ़ी नेताजी की यादों को जीवंत रखने के लिए आज भी कार को मेनटेन कर रहा है.
जबकि यह कार 40 के दशक की है. उस जमाने में फीएट कंपनी की यह सबसे बेहतरीन कारों में एक है. जिसके कई पार्ट्स नहीं मिलते है, ऐसे में भी चटर्जी परिवार उस यादगार कार को मैनटेन कर रहा है. भारतीय इतिहास के शिखर पुरूष नेताजी सुभाष चंद्र बोस कई बार रांची आए. 1940 में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में भी शामिल हुए थे.
अधिवेशन में भाग लेने के लिए नेताजी रेल मार्ग से चक्रधरपुर पहुंचे थे. वहां से रांची सड़क मार्ग से आए थे. चक्रधरपुर स्टेशन से रांची तक की यात्रा नेताजी ने चटर्जी परिवार के फीएट कार में की थी. रांची के लालपुर स्थित चटर्जी परिवार के घर पर ठहरे थे. तीन दिनों तक रूके. इस दौरान उन्होंने उस कार पर सवारी की.
वर्तमान में कार के मालिक अरूप चटर्जी है. जिनका कहना है कि यह कार उनके परिवार के लिए एक धरोहर है. नेताजी के चाहने वालों ने कई बार कार खरीदने की कोशिश की. करोड़ों का ऑफर दिया, मगर कार को परिवार वालों ने नहीं बेचा. चटर्जी परिवार के अनुसार रांची परवास के दौरान नेताजी ने उनके ही घर पर रूक कर भविष्य की रणनीति बनाई थी.
जिस बंगले में नेताजी रूके थे, उस बंगले का नाम है आइकत बंगला. रांची के पुराने बंगलों में से एक बंगला है. इस बंगले में नेजाती रूके थे, जिसकी वजह से अंग्रेज गवर्नर नाराज भी हो गया था.
आज भी सरपट दौड़ती है नेताजी की पसंदीदा कार, देखिए...
इसी घर में ठहरे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, देखिए...