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रांची/डेस्कः- केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी किसी भी कर्मचारी को उसके मनपसंद अस्पताल में इलाज करवाने से कोई रोक नहीं सकता है. कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी भी कर्मचारी के नियोक्ता कंपंनी के अलावा पैनल के बाहर भी किसी दूसरे अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं. कोर्ट ने साफ कहा कि कर्मचारी किसी भी अस्पताल में इलाज करवाना चाहे, उसे कोई रोक नहीं सकता है यह उसका अधिकार है. एक मामले के दौरान राजीवन नाम की एक कर्मचारी जो भारतीय खाद्य निगम में कार्यरत थे ड्यूटी के दौरान घायल हो जान के बाद अपने मनपसंद अस्पताल में अपना इलाज करवाया, जिसमें उसे 35,000 रुपए का खर्च आया , मेडिकल बिल की भुगतान को भारतीय खाद्य निगम के द्वारा ये बोल कर इनकार कर दिया गया कि उसने निगम पैनल में शामिल अस्पतालों से इतर किसी दूसरे अस्पताल में इलाज करवाया है. राजीवन ने इसके खिलाफ ट्रब्यूनल में अपील दायर की थी . जहां उसे 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश मिला, लेकिन भारतीय खाद्य निगम ने इसे हाईकेर्ट में चुनौती दे दिया. इस मामले में जस्टिस जी गिरिश ने आदेश दिया कि कर्मचारियों को ये अधिकार है कि वो किसी भी मनपसंद अस्पताल में अपना ईलाज करवा सकतें हैं. भले ही वो असपताल उसके पैनल में न हों.
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