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रांची: नागपुर की तर्ज पर रांची एवं जमशेदपुर में एलिवेटेड कोरिडोर सड़क का निर्माण कराया जाएगा. इसका जल्द ही डिजाइन एवं प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. यह घोषणा केंद्रीय भूतल-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने की. उन्होंने बताया कि रांची के सांसद संजय सेठ एवं खूंटी के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा उनसे मिले थे. रांची एवं जमशेदपुर में जाम समस्या से निजात पाने और दिनों दिन बढ़ रही ट्रैफिक लोड को देखते हुए एलिभेटेड सड़क निर्माण की मांग की है. उन्होंने कहा कि नागपुर में इस तरह की सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इसी तर्ज पर झारखंड के दो शहरों रांची एवं जमशेदपुर में किया जाएगा.
2 से 3 मंजिला होगा एलिवेटेड कोरिडोर
मंत्री गडकरी ने बताया कि एलिवेटेड कोरिडोर 2 से 3 मंजिला होगा. नीचे सड़क, उसके उपर फ्लाईओवर और उसके उपर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का निर्माण किया जाएगा. रांची में एलिवेटेड कोरिडर मुख्य रूप से फोकस रहेगा. इसके अतिरिक्त जमेशदपुर में भी एलिवेटेड सड़क का निर्माण होगा जो 2 से 3 मंजिला होगा.
बड़े डिजाइनर एवं एलएंडटी प्रमुख तैयार करेंगे डिजाइन
मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश के बड़े रोड-कंट्रक्शन डिजाइनर वेंकटरमण एवं एलएंडटी प्रमुख इसका डिजाइन तैयार करेंगे. डिजाइन तैयार होते ही इससे संबंधित डीपीआर तैयार होगा. इसके बाद इसके निर्माण की दिशा में कारवाई शुरू की जाएगी.
पिस्का मोड़-कचहरी चौक तक वर्तमान में एलिवेटेड सड़क निर्माण योजना पर शुरू हो चुका है काम
पिछले दिनों नगर विकास विभाग ने रातू रोड में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए एनएचआई को पत्र लिखा चुका है. राजधानी के सबसे जाम वाला क्षेत्र नागा बाबा खटाल से लेकर रातू रोड चौराहा को जाम मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. कचहरी चौक से पिस्का मोड़ रोड के लिए राजभवन के बाऊंड्री शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया है. गेट नंबर तीन की ओर से अंदर पिलर निर्माण हुआ. राजभवन के बाऊंड्री को नौ फीट पीछे किया जाएगा.राजभवन की बाऊंड्री को 9 फीट अंदर करने का काम शुरू कर दिया गया है. यह बाऊंड्री किशोरी यादव चौक से लेकर नागा बाबा खटाल के राजभवन के गेट नंबर 3 तक बन रही है. अगर पीछे हट जाता तो किशोरी यादव चौक से कचहरी चौक तक जाम से मुक्ति मिल जाएगी. रातू रोड में एलिवेटेड सड़क निर्माण की योजना पर एनएचआई काम कर रहा है. बतातें चलें कि हरमू फ्लाईओवर पर राजभवन के आपत्ति के बाद नगर विकास विभाग ने एलिवेटेड सड़क के लिए स्वीकृति मांगी थी. जिसकी अनुमति मिल चुकी है. इसके निर्माण में करीब 550 करोड़ रूपए खर्च आने की उम्मीद है. पूर्व में इसे थ्री लेन एलिवेटेड सड़क बनाने की योजना थी मगर बाद में इसे जरूरत के अनुसार फोर लेन में बदल दिया गया. जिसके कारण इसके लागत में वृद्धि हो गयी है. इसके लिए सरकार को करीब 1.31 एकड़ जमीन की जरूरत है. जो बिना किसी अधिग्रहण के उपलब्ध हो जा रही है. पिस्का मोड़ के पास कुछ इलाका की जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है.