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रमज़ान महीने के बाद मनाई जाती है ईद, जानें इतिहास और महत्व

जेके इंटरनेशनल का सभी ब्रांच में ईद का जश्न, 30 रोजों के बाद मिलती है ईद की ख़ुशी
रमज़ान महीने के बाद मनाई जाती है ईद, जानें इतिहास और महत्व

न्यूज़11भारत


रांची: ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. दुनिया भर में ईद का त्योहार रमज़ान का पाक महीना ख़त्म होने के बाद मनाया जाता है. करीब महीने भर तक चले रोजों के बाद चांद का दीदार किया जाता है और उसी के बाद ईद की तारीख की जानकारी प्राप्त होती है. उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी. ईद के दिन बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार साथ ही दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है. सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी डिश माना जाता है .इस बार ईद 3 मई 2022 को मनाए जाने की संभावना है. मुस्लिम समुदाय में ईद के वक्त अच्छी खासी रौनक देखने को मिलती है.ईद पर अपनों से छोटों को ईदी के रूप में तोहफों के अलावा पैसे भी दिए जाते हैं और सारे गिले शिकवे भूल कर आपस में एक दूसरे से गले मिल कर ईद की मुबारकबाद दी जाती है.


मुस्लिम समुदाय किस तरह मनाते हैं ईद


मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़े त्योहार ईद पर घरों में मीठे पकवान, खासतौर पर सेवई बनाई जाती है. इस पकवान का नाम शीर-कोरमा है. इस्लाम धर्म का यह त्योहार गिले शिकवे भूल कर आपस में भाईचारे का संदेश देता है.


ईद के दिन सभी लोग जल्दी उठकर नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं और ईद की पहली नमाज़ सलात अल फज्र पढ़ी जाती है. मुस्लिम समुदाय के हर व्यक्ति के लिए रमज़ान में यानी ईद के पहले फितरा देना फर्ज़ होता है. जिसमें हर व्यक्ति गरीबों को पौने दो किलो अनाज या उतनी की कीमत देता है.


 

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