11 मई 2022 की तिथि से की गयी एग्रीमेंट रद्द, 16 अप्रैल 2022 को मिला था बालू उठाव का जिम्मा
सात मार्च 2022 को खान निदेशक ने निकाला था आदेश, जो 180 दिन में नहीं देंगे फारेस्ट क्लीयरेंस उन्हें नहीं मिलेगा बालू घाट
अब खान निदेशक ने खोखा बालू घाट के सभी दस्तावेज मुख्यालय में मंगाये, दिया आदेश
न्यूज11 भारत
रांची: न्यूज11 भारत की खबर का असर हुआ है. झारखंड सरकार ने मेसर्स गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का समझौता स्थगित कर दिया है. यह सारा खेल बैक डेट से किया गया है. अब यह सवाल उठता है कि है कि आखिर कैसे फरवरी माह में गंगा कंस्ट्रक्शन के साथ बालू घाट बंदोबस्ती को लेकर समझौता किया गया था. गढ़वा के सहायक खनन पदाधिकारी ने इस संबंध में गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिख कर नीलामी द्वारा खोखा बालूघाट की बंदोबस्ती स्थगित करने की बातें कही हैं. ऐसे में तत्कालीन खान सचिव रही पूजा सिंघल और खान निदेशक अमित कुमार, गढ़वा के उपायुक्त रमेश घोलप और जिला खनन पदाधिकारी ने कैसे गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को यह घाट बंदोबस्त किया. इस पर अब प्रवर्तन निदेशालय की निगाहें हैं. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी इसे खान सचिव, खनन विभाग के अन्य अधिकारियों, गढ़वा के उपायुक्त रमेश घोलप और जिला खनन पदाधिकारी की कार्रवाई को सबूत मान रहे हैं कि गड़बड़ी हुई है और इसमें भारी पैसे का लेन-देन हुआ है. न्यूज11 भारत ने खुलासा किया था कि बालू घाट की बंदोबस्ती को लेकर 15 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था. यहां यह बताते चलें कि खान निदेशक ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि बालू घाटों की बंदोबस्ती तब तक नहीं की जाये, जब तक 180 दिनों में पर्यावरण का क्लीयरेंस नहीं मिले. इसी के आधार पर कई जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों ने पूर्व से की गयी बंदोबस्ती को रद्द कर दिया. राजमहल ट्रेडर्स को जामताड़ा में आवंटित मौजा मजालो के दो बालू घाटों का बंदोबस्ती इसी कारण रद्द हो गये. 180 दिनों में इन्हें फारेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिला था. जामताड़ा के अजय नदी स्थित राम कुमार सिंह के बालू घाट की बंदोबस्ती भी रद्द कर दी गयी. इसके उलट गढ़वा में मेसर्स गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को साढ़े छह वर्ष बाद मिले पर्यावरण क्लीयरेंस को मान्य करते हुए खोखा सैंड माइनिंग प्रोजेक्ट से बालू उठाव की अनुमति दे दी गयी.
खान निदेशक ने खोखा बालूघाट के सारे रिकार्ड मंगाये
खान निदेशक अमित कुमार ने न्यूज 11 भारत को बताया कि खान एवं भूतत्व विभाग की तरफ से खोखा बालूघाट के सारे रिकार्ड मंगाये गये हैं. उन्होंने कहा कि 11 मई को खान निदेशक कार्यालय की तरफ से गढ़वा जिले के उपायुक्त रमेश घोलप से खरौंधी के 23 हेक्टेयर में किये गये बालू घाट बंदोबस्ती की पूरी संचिका भेजी जाये. इस आदेश के आधार पर ही जिला प्रशासन की तरफ से बालू घाट की गतिविधियां स्थगित करने की बातें कही गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य भर में बालू घाटों की बंदोबस्ती का जिम्मा निजी कंपनियों को नहीं दिया जाना है. ऐसे में जिला प्रशासन की तरफ से बालू घाट की बंदोबस्ती कैसे की गयी. इसके रिकार्ड मंगाये गये हैं. उन्होंने कहा जब तक सभी चीजें सामने नहीं आ जाती, तब तक बालू घाट से उठाव स्थगित रखने का निर्देश दिया गया है.
खान निदेशक के रिकार्ड मांगे जाने के बाद उसी दिन निकाल दिया स्थगित करने का आदेश
गढ़वा जिला प्रशासन की तरफ से खान निदेशक कार्यालय को निर्गत आदेश की तिथि से ही खरौंधी बालू घाट की बंदोबस्ती से संबंधित एकरारनामे को स्थगित करने का आदेश निकाला गया. इस संबंध में कहा गया है कि 11 मई 2022 को खान निदेशक ने पत्र लिख कर सहायक खनन पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सहायक खनन पदाधिकारी ने अपने पत्र 683, दिनांक 11 मई को तहत बंदोबस्त बालू घाट के एकरारनामे को स्थगित कर दिया. अगले आदेश तक बालू घाट के संचालन की दिशा में सारी प्रक्रियाओं को स्थगित करने का आदेश भी दिया गया.
न्यूज11 भारत ने प्रमुखता से दिखायी थी खबर
गढ़वा के खरोंधी मौजा में 23 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन कंपनी को गलत तरीके से आवंटित करने की खबर काफी प्रमुखता से अपने दर्शकों तक पहुंचायी थी. इसमें कहा गया था कि कैसे पर्यावरण क्लीयरेंस के नियमों का उल्लंघन कर उत्तरप्रदेश के गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को 16 अप्रैल 2022 को खरौंधी में बालू घाट के संचालन की अनुमति दी गयी थी. न्यूज11 ने यह भी दिखाया था कि कैसे सभी नियमों को ताक पर रख कर सरकार की तरफ से लगातार माइनिंग भी करायी जा रही थी. इतना ही नहीं सघन आबादी वाले क्षेत्र और प्रोटेक्टेड वन क्षेत्र से गुजरते हुए बालू की ढुलाई की जा रही थी. इस बालू खदान की बंदोबस्ती में हुए डीलिंग की बातें भी कही गयी थी.
निदेशक खान ने सात मार्च को निकाला था आदेश
आपको एक बात बताना जरूरी है कि कैसे खान निदेशक अमित कुमार ने सात मार्च 2022 को पत्रांक संख्या 488 के माध्यम से सभी जिला खनन पदाधिकारियों को एक पत्र लिखा था. इसमें कहा गया था कि सभी जिलों के डीएमओ वैसे कंपनियों के आवेदन को फिर से खोजें, जिसमें पर्यावरण स्वीकृति के लिए तय 180 दिन की अवधि से एक दिन भी अधिक विलंब होने पर सभी संबंधित कंपनियों को शो-काउज करते हुए उनकी बंदोबस्ती रद्द कर दी जाये. पर मेसर्स गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन मामले की पटकथा कुछ अलग है. कंपनी की तरफ से 10,29,600 टन का वार्षिक उत्पादन करने के लिए आवेदन दिया गया था. उत्तरी गढ़वा जिले में अवस्थित बालू घाट के लिए 18 मार्च 2017 को पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए पत्र भेजा गया था.