सरफराज कुरैशी, न्यूज11 भारत
कोरोना के कारण रांची सहित पूरे राज्य में करीब 1150 बच्चे अनाथ हुए हैं. 100 से अधिक बच्चों के माता-पिता और 1000 से अधिक के माता या पिता का साथ अब छूट गया. इनकी पढ़ाई प्रभावित न हो, इनके पुनर्वास के लिए राज्य व केंद्र सरकार ने कई घोषणाएं की. शुरू में तेजी से काम भी हुआ. मगर समाज कल्याण विभाग के अफसर लापरवाही बरत कर इन मासूमों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई भी अफसरों की लापरवाही से छूट सकती है.
दरअसल इन बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के तहत दी जाने वाली राशि करीब छह माह से नहीं मिली है. साल में चार बार यानि तीन-तीन माह में स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 2-2 हजार प्रति माह के हिसाब से दिया जाता है. ये राशि नहीं मिलने के कारण स्कूल में उनका फीस जमा नहीं हो रहा है. कई बच्चों को रिजल्ट भी नहीं देने की बात स्कूल की ओर से कही जा रही है. इसकी जानकारी विभाग के अफसरों को भी है. मगर वह सबकुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं.
कब दूर होगी परेशानी, कोई नहीं बता रहा
स्पॉन्सरशिप योजना के तहत जिन बच्चों को चयन हुआ है उनके अभिभावक या रिश्तेदार राशि नहीं मिलने से परेशान हैं. कई अभिभावकों ने बताया कि वे संबंधित जिला के जिला बाल संरक्षण इकाई व अन्य संबंधित अफसरों से गुहार लगा रहे हैं. मगर जिला के अधिकारी खुद को बेबस बताते हुए फंड नहीं मिलने की बात कह रहे हैं. जिससे उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा है. मालूम हो कि राजधानी रांची में ही 200 से अधिक बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया जाना है. इनमें 163 कोरोना काल में तो 39 का चयन पहले ही हुआ है. सितंबर के बाद राशि नहीं मिलने के कारण बच्चों के वर्तमान पैरेंट्स परेशान हैं. वे जिला प्रशासन के अफसरों के ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं. कॉल कर अपनी समस्या बता रहे हैं. मगर कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि कब फंड मिलेगा? कब स्पांसरशिप योजना के तहत मिलने वाली राशि इनको दी जाएगी?
स्कूलों से फीस माफ कराने का हो रहा प्रयास
जिला बाल संरक्षण इकाई में लगातार अभिभावकों के कॉल करने व स्कूल फीस माफ कराने को लेकर आवेदन दिए जा रहे हैं. इसके बाद बाल संरक्षण पदाधिकारी की ओर से जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखकर उक्त अभिभावक की समस्या बताई जा रही है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए स्कूल से फीस माफ कराने को लेकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया जा रहा है. बताते चलें कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 04/2020 में पारित आदेश में कहा है कि कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई स्कूल फीस के अभाव में बाधित नहीं हो. इसी को आधार बनाकर बच्चों की फीस माफ कराने का अनुरोध किया जा रहा है.