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रांची: हमारे देश में कई शिक्षक ऐसे है जो छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने का कार्य करते है. कई ऐसे शिक्षक भी मिल जायेंगे जो सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करते है. वैसे तो हमे ज्ञान केवल उनसे नहीं मिलता जिनकी पदवी शिक्षक की है, कई बार राह चलता व्यक्ति या छोटा बच्चा भी हमें ऐसा ज्ञान दे जाता है जो हमारे लक्ष्य की प्राप्ति में बहुत सहायक सिद्ध होता है. पर आज हम जिस शिक्षक की कहानी आपको बताएंगे वह वर्दी वाले शिक्षक है. जी हां, झारखंड के एक DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव एक ऐसे वर्दीधारी है जो ना केवल क़ानून व्यवस्था का पालन कराने का काम करते है साथ ही वैसे तमाम विद्यार्थी को गुरु ज्ञान भी देते है जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है. वैसे गरीब छात्र जिन्हें पढ़ाई करने का मन तो है मगर उनकी आर्थिक स्थिति उनका साथ नहीं देती, वैसे तमाम बच्चों की सहायता के लिए आगे आते है DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव. उनके इसी काम की सराहना करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव को अपने आवास पर बुलाकर सम्मानित किया है. साथ ही मंत्री जगरनाथ महतो ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके इस प्रयास से छात्र सफलता हासिल कर रहे है और राज्य के बच्चों को नई दिशा मिल रही है. बता दें कि इस बार इनके 30 से अधिक छात्रों ने JPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की है.
कौन है DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव
DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव को राज्य के अधिकतर युवा वर्ग 'पुलिस वाले गुरुजी' के नाम से जानते है. अपनी दोहरी जिम्मेदारी को बेहद सफलतापूर्वक निभा रहे है. बता दें कि DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव इससे पहले रांची सदर और देवघर में एसडीपीओ के पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं. DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव की क्लास जुलाई माह से शुरू हुई. कोरोना की वजह से जब सभी लोग अपने घर पर थे तब पुलिस और डॉक्टर वर्ग जनता की रक्षा के लिए घर से बाहर था. परन्तु विकास चन्द्र श्रीवास्तव को इस वक़्त लगा कि उन्हें कुछ और करना चाहिए. कुछ ऐसा जिससे वैसे छात्र-छात्राओं की सहायता हो सके तो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है. उसके बाद उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से लोगों को पढ़ाने की ठानी और व्हाट्सएप और यूट्यूब के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाना शुरू कर दिया. अपने घर के एक कमरे को डीएसपी ने ऑनलाइन क्लास के लिए तैयार कर रखा है. जिसमें एक बड़ा सा स्क्रीन लगा हुआ है यह स्क्रीन उनकी काबिलियत को देखते हुए देवघर के कुछ प्रबुद्ध लोगों ने भेंट की थी, जो अब छात्रों को पढ़ाने में सहूलियत दे रहा है.