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रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने नयी दिल्ली सरकार के मंत्री रहे सत्येंद्र जैन पर शिकंजा कस दिया है. उनके साथ उनकी पत्नि पूनम जैन समेत चार आरोपियों और चार कंपनियों के खिलाफ जांच तेज कर दी है. ईडी की तरफ से अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशंस, मंगलायातन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडीयल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में संज्ञान लिया है. इस संबंध में ईडी की तरफ से 24 अगस्त 2017 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. सीबीआइ की तरफ से भी सत्येंद्र कुमार जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत दर्ज की गयी है. ईडी की तरफ से जांच में पाया गया कि सत्येंद्र जैन 2015-16 में एक सरकारी सेवक थे.
इस दरम्यान उन्होंने शेल कंपनियों के माध्यम से उपरोक्त कंपनियों में 4.81 करोड़ रुपये का कैश हवाला रूट के जरिये ट्रांसफर किया गया. इस पैसे से कृषि भूमि की खरीद करने और दिल्ली और आसपास के इलाकों में रीयल इस्टेट के लिए जमीन खरीदी गयी. जिस राशि का ट्रांसफर किया गया. उसमें से अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशन, मंगलायातन प्रोजेक्ट्स और जेजे आइडीयल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी. ट्रांसफर की गयी राशि वैभव जैन की पत्नी स्वाती जैन, अजीत प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन के नाम से की गयी थी. ईडी की तरफ से 30 मई 2022 को सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया था. जबकि वैभव जैन, अंकुश जैन को 30 जून 2022 को गिरफ्तार किया गया था. तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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ईडी ने सत्येंद्र जैन को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 6 जून को उनके परिवार और अन्य के खिलाफ पहले दौर की छापेमारी की थी. जिसके बाद जांच एजेंसी ने दावा किया था कि छापेमारी के दौरान 2.85 करोड़ रुपये और 133 सोने के सिक्के जब्त किए गए हैं. वहीं ईडी ने आरोप लगाया था कि 2015-16 की अवधि के दौरान सत्येंद्र कुमार जैन के द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को नकद हस्तांतरण कर उसके एवज में हवाला से 4.81 करोड़ रुपये की प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी.