न्यूज11 भारत
रांचीः जमीन के बदले नौकरी मामले में बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी दल के नेता तेजस्वी यादव CBI दफ्तर पहुंच गए है. बता दें, सीबीआई ने तेजस्वी यादव के इससे पहले तीन बार समन भेजा था. बावजूद वे सीबीआई दफ्तर में पेश नहीं हुए थे. सीबीआई ने 11 मार्च को ही उन्हें बुलाया था लेकिन उन्होंने पत्नी के हॉस्पिटल में भर्ती होने का हवाला दिया था. इससे पहले सीबीआई ने तेजस्वी यादव को 4 फरवरी को भी समन भेजा था. वहीं उनकी बहन मीसा भारती को ईडी ने तलब किया है. और वह भी ईडी दफ्तर पहुंच चुकी है. जिससे ईडी की टीम पूछताछ कर रही है.
हमने लड़ने का फैसला लिया है- तेजस्वी यादव
मामले में तेजस्वी यादव से पूछताछ शुरू हो गई है और वे सीबीआई अधिकारियों के सवालों का जवाब दे रहे हैं. बता दें, सीबीआई ऑफिस से निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा किट 'हमने हमेशा एजेंसियों का सहयोग किया है और करेंगे. लेकिन देश में माहौल आप लोग देख ही रहे हैं. ऐसी स्थिति है कि या तो झुकना बहुत आसान है. हमने लड़ने का फैसला लिया है, क्योंकि यह बहुत मुश्किल है. लेकिन हम जीतेंगे.'
सीबीआई के समन को दिल्ली हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
जानकारी के लिए आपको बता दें, नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने पेश होने के लिए 3 बार तेजस्वी यादव को समन भेजा था. लेकिन वे पेश नहीं हुए. इस बीच तेजस्वी यादव ने सीबीआई के समन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती भी दी थी. जिसपर 16 मार्च को अदालत में सुनवाई हुई. वहीं हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने उन्हें सीबीआई के समक्ष 25 मार्च को पेश होने का आदेश दिया था.
जानकारी के अनुसार, तेजस्वी यादव ने सीबीआई की समन को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई के दौरान कहा था कि सीबीआई उन्हें जांच के बहाने बुलाकर गिरफ्तार करना चाहती है. सीबीआई ने भोला यादव को पूछताछ के बहाने बुलाकर गिरफ्तार किया था. बता दें तेजस्वी यादव ने उन्हें गिरफ्तार नहीं करने की शर्त पर 25 मार्च को सीबीआई दफ्तर में पेश होने का भरोसा दिलाया था.
अपने परिवार के लोगों के नाम लालू ने लिखाई थी जमीन
बता दें, मामले में सीबीआई का कहना है कि 2004 से 2009 के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित तौर पर जमीन घोटाला किया था. इस घोटाले में लालू ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी भी दी थी. साथ ही उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पर पटना में जमीनें लिखवाई थी. सीबीआई ने दावा करते हुए आरोप लगाया है कि लालू यादव की बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और पत्नी राबड़ी देवी के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी थी साथ ही जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाए थे. इतना ही नहीं रेलवे में जिन पदों के लिए भर्ती की गई थी उसका ना तो सेंट्रल रेलवे को जानकारी दी गई थी और ना ही विज्ञापन निकाला गया था. और उन लोगों को आवेदन देने के 3 दिन के भीरत ही नौकरी दे दी गयी थी.