झारखंडPosted at: नवम्बर 21, 2022 इडी की रिपोर्ट में खुलासा, पंकज मिश्रा ने गिरफ्तारी के बाद कमिश्नर को दी थी धमकी
1000 करोड़ के खनन घोटाले और मनी लाउंड्रिंग में ज्यादा पूछताछ नहीं करने की दी थी चेतावनी

न्यूज 11 भारत,
प्रर्वतन निदेशालय (इडी) के अवैध खनन मामले की जांच रिपोर्ट में एक नया खुलासा हुआ है. इसमें यह कहा गया है कि इडी की गिरफ्त में रह रहे पंकज मिश्रा ने संताल परगना के कमीशनर को कैदी रहते हुए धमकी दी थी कि वे ज्यादा जांच पड़ताल न करें. अवैध खनन और मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा ने साहिबगंज में गंगा नदी हादसे के बाद तत्कालीन कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप को फोन पर धमकी दी गयी थी. 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में यह बड़ा खुलासा है। पंकज मिश्रा ने कहा था कि साहिबगंज के डीसी की रिपोर्ट पर ज्यादा सवाल जवाब न करें. इडी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि पंकज मिश्रा के मोबाइल फोन को इंटरसेप्शन पर रखा गया था. 2 जून 2022 को राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग का मामला सामने आया जिसमें दुमका कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप को फोन पर धमकी भरे लहजे में कहा गया कि साहिबगंज डीसी रामनरेश यादव द्वारा दी गई रिपोर्ट पर ज्यादा सवाल-जवाब न करें. मार्च 2022 में साहिबगंज से मनिहारी के बीच जलमार्ग से ले जाए जा रहे फेरी के डुबने से एक दर्जन से अधिक गिट्टी लदे ट्रक गंगा नदी में समा गये थे. तब नियम विरुद्ध तरीके से रात में फेरी सर्विस का मामला सामने आया था. इस मामले में डीसी साहिबगंज ने रिपोर्ट दुमका कमिश्नर को भेजी थी. पंकज मिश्रा ने फोन पर कमिश्नर को कहा डीसी की रिपोर्ट को आगे भेज दें, ज्यादा सवाल जवाब ना करें।
इस पूरे मामले में ईडी ने संताल परगना के तत्कालीन कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप का भी बयान लिया और रिपोर्ट मे उसकी जानकारी दी. इस बयान में कंश्यप ने बताया कि मार्च महीने में हादसे के बाद परिवहन विभाग और उनके द्वारा डीसी साहिबगंज से रिपोर्ट मांगी गई थी. साहिबगंज डीसी ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें कई खामियां थीं. इसे अधूरा मानते हीए कमिश्नर ने दुबारा रिपोर्ट भेजने को कहा था. डीसी से दुबारा घटना की वजह और इस घटना के जिम्मेदार लोगों की जानकारी मांगी. डीसी ने दोबारा रिपोर्ट नहीं भेजी. इस मामले को लेकर पंकज मिश्रा का फोन आया था और बाद में एक बार मुलाकात के दौरान भी उन्होंने कहा कि डीसी से दोबारा रिपोर्ट न मांगे. इडी ने इस पूरी बातचीत का ब्यौरा रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट को सौंपा है. पंकज मिश्रा ने जिस तरह से इस पूरे मामले में खुद को एक्टिव रखा, राजनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल करने की कोशिश की इससे यह पता चलता है कि वह फेरी सर्विस के जरिए अवैध तरीके से स्टोन चिप्स का परिवहन कराते थे.