न्यूज 11 भारत
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देवेन्द्रनाथ विश्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता की 6.30 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. कार्रवाई लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए के सारधा चिटफंड घोटाले के मामले में इडी ने की है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि एजेंसी की ओर से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ मूल्य की चल संपत्ति और तीन करोड़ मूल्य की अचल संपत्ति कुर्क करने का एक अंतरिम आदेश जारी किया गया है. इन संपत्तियों पर सारधा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था.
ये समूह द्वारा सृजित अपराध की आय के लाभार्थी थे. सारधा के लाभार्थियों में नलिनी चिदंबरम, देवेंद्रनाथ विश्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी) और पूर्व माकपा विधायक) और अनुभूति प्रिंटर और प्रकाशक शामिल हैं. यह असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे दत्ता के स्वामित्व में हैं. जानकारी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वर्ष 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में सारधा समूह के चिटफंड घोटाले से संबंधित है.
इडी द्वारा आरोप लगाया गया है कि सारधा समूह ने ऊंचे रिटर्न का लालच देकर निवेशकों से 2,459 करोड़ रुपए की उगाही की है. कंपनी ने अब तक जमाकर्ताओं को 1983 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है. खबर है कि एजेंसी(इडी) ने अब तक सारधा समूह व लाभार्थियों की करीब 600 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है.
जानकारी सामने आयी है कि सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन की सहयोगी देवयानी मुखर्जी को शुक्रवार को महानगर के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. देवयानी पर ओडिशा और झारखंड में कई केस दर्ज हैं. सुदीप्त सेन और देवयानी दोनों 2013 में कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किये गये थे. इडी ने पूरे मामले पर कोलकाता पुलिस औऱ् सीबीआइ की प्राथमिकी के बाद मामला दर्ज किया था. अब तक 600 करोड़ रुपये की संपत्ति को इडी ने अटैच किया है.