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रांची : जेबीवीएनएल (JBVNL) के आग्रह को डीवीसी (DVC) ने ठुकरा दिया है. जेबीवीएनएल से वार्ता के बावजूद डीवीसी ने बिजली कटौती शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार सुबह डेढ़ घंटे बिजली की कटौती की. इससे धनबाद सहित डीवीसी कमांड एरिया के अन्य क्षेत्रों में लोड शेडिंग हुई. इधर जेबीवीएनएल ने डीवीसी के बिजली कटौती शुरू होने करने पर गहरी नाराजगी जाहिर किया है.
जेबीवीएनएल (JBVNL) के अनुसार 58 सौ करोड़ में आधे से अधिक का भुगतान हो चुका है. हर महीने भुगतान किया जा रहा है. इसके बावजूद अचानक नोटिस एवं कटौती उचित नहीं है. कम से कम 15 दिन पहले नोटिस दिया जाता है. मगर मेल से अचानक नोटिस देना सही नहीं है. जेबीवीएनएल ने बताया कि एक नवंबर को पत्र भेजकर सात दिनों में रोडमैप मांगा गया था. मगर फिर अचानक पांच नवंबर को शाम के 7.30 बजे से मेल से नोटिस भेजा गया और कटौती शुरू कर दी गयी. जेबीवीएनएल सरकार के माध्यम से प्रति माह 100 करोड़ का भुगतान कर रहा है. मालूम हो कि जेबीवीएनएल 6 मेगावाट बिजली अपने कमांड एरिया में देता है. जिसका मासिक बिल करीब 160 करोड़ रूपए होता है. जिसमें सरकार की ओर से प्रति माह 100 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है.
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कटौती का चतरा में असर नहीं
डीवीसी कमांड एरिया से मुक्त करने का झारखंड सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में इटखोरी ग्रिड को चालू कर चतरा जिले को डीवीसी कमांड एरिया से मुक्त कर दिया गया है. गोविंदपुर ग्रिड को चालू कर धनबाद के बड़े हिस्सों में जेबीवीएनएल अपनी बिजली आपूर्ति कर रहा है. इसी तरह सरिया, जमुआ और गिरिडीह के कुछ हिस्सों में भी जेबीवीएनएल अपनी बिजली आपूर्ति कर रहा है. धनबाद के कतरास और झरिया इलाकों में कटौती का आंशिक असर पड़ा है.
आरबीआई (RBI) के खाते से तीन बार राशि काट कर दिया जा चुका है डीवीसी को
अक्टूबर 2020 से अब तक डीवीसी के बकाया भुगतान के लिए झारखंड सरकार के आरबीआइ खाते से तीन बार कटौती हो चुकी है. पहली किस्त अक्तूबर 2020 में 1417 करोड़ और बाकी की दो किस्त क्रमश: 714 और 714 करोड़ रुपये काटी जा चुकी है. कटौती करने की अगली तिथि 21 दिसंबर में है. इधर, डीवीसी द्वारा नियमित बिजली बिल पूर्ण रूप से भुगतान न करने की बात कह कर लोडशेडिंग शुरू कर दी गयी है.