आम सूचना जारी करके जेबीवीएनएल के दावे को झूठा करार दिया, कहा- बकाया नहीं तो कटेगी बिजली
न्यूज 11 भारत, रांची
रांचीः डीवीसी ने एक बार फिर से जेबीवीएनएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. डीवीसी ने अपना तेवर तल्ख कर दिया है. डीवीसी ने अखबारों में आम सूचना जारी करके बकाया के बारे में बताया है और जेबीवीएनएनल के दावे को झूठा करार दिया है. डीवीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जेबीवीएनएल बकाया का भुगतान नहीं करता है तो बिजली कटौती जारी रहेगा.
डीवीसी की नजर में बकाया का यह है स्टेटस
जेबीवीएनएल पर निर्विवाद बकाया कुल 2173 करोड़ है. जो आपूर्त बिलों के पूरी राशि का भुगतान नहीं होने के कारण धीरे-धीरे एकत्रित हो गया है. अप्रैल 2021 से हमें 160 करोड़ रूपए के औसत मासिक बिलों के प्रति झारखंड सरकार से मात्र 100 करोड़ रूपए प्राप्त होते रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2021 से नंवबर 2021 तक 549 करोड़ रूपए तक निर्विवाद राशि का संचयन हो चुका है. इसके अलावे मार्च 2021 तक के पहले की अवधि में जेबीवीएनएल पर 1624 करोड़ रूपए का निर्विवाद बकाया उधार भी है. जिसे मिलाकर कुल 2173 करोड़ रूपए बनता है. इसके अतिरिक्त बकाए पर विलंब भुगतान अभिभार अगर लागू किया जाए तो बकाया राशि और बढ़ जाएगी. चूंकि डीवीसी को बिजली उत्पाद मद में कोयले की राशि का भी भुगतान करना पड़ता है. इसलिए वह बकाया की स्थिति में निर्बाध आपूर्ति को सक्षम नहीं होगा.
6 नवंबर से डीवीसी कर रहा है बिजली कटौती
मालूम हो कि छठ के समय से 6 नवंबर से ही डीवीसी बिजली कटौती कर रहा है. अब डीवीसी ने चेतावनी दी है कि अगर भुगतान नही हुआ तो पूरी तरह से बिजली आपूर्ति बंद कर सकता है. जिसकी जबादेही जेबीवीएनएल पर नहीं होगी.
जेबीवीएनएल का तर्क
अब आऊटस्टैडिंग बकाया केवल 2000 करोड़ ही है. 100 करोड़ नियमित भुगतान डीवीसी को किया जा रहा है. पूर्ववर्ती सरकार में करीब 6 हजार करोड़ का बकाया था. मगर कभी भी केंद्र सरकार ने आरबीआई में राज्य के हिस्से जमा पैसे काट कर डीवीसी को नहीं दिया. जबकि राज्य में हेमंत सरकार बनने के बाद तीन बार केंद्र सरकार आरबीआई से पैसे काट कर डीवीसी को दिया है.
आरबीआई के खाते से तीन बार काटा जा चुका है राशि
अक्टूबर 2020 से अब तक डीवीसी के बकाया भुगतान के लिए झारखंड सरकार के आरबीआइ खाते से तीन बार कटौती हो चुकी है. पहली किस्त अक्टूबर 2020 में 1417 करोड़ और बाकी की दो किस्त क्रमश: 714 और 714 करोड़ रुपये काटी जा चुकी है. अगली तिथि दिसंबर 21 में कटौती करने की है.