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रांची/डेस्कः आज विजयादशमी है. दशहरा रावण पर भगवान राम की जीत का जश्न मनाने वाला एक त्योहार है. यह देवी दुर्गा राक्षस महिषासुर के वध का उत्सव है. विजयादशमी के दिन, देवी दुर्गा की छवि को नदी या जलाशय में प्रवाहित करना और पटाखों से भरे रावण, कुंभकर्ण और इंद्रजी के कोलम में आग लगाना दशहरा का मुख्य अनुष्ठान है. हालांकि, दशमी और दशहरे की रस्में और उत्सव अलग-अलग हैं, लेकिन संदेश एक ही है, बुराई पर अच्छाई की जीत.
दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है जो दुर्गा पूजा के पांच दिवसीय उत्सव के अंत का प्रतीक है. विजयादशमी या दसवां दिन नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के अंत का प्रतीक है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, दशहरा को दुष्ट राजा रावण पर भगवान राम की जीत के रूप में मनाया जाता है. आज, देश भर में लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक करने के लिए राक्षस राजा रावण के विशाल पुतले जलाते हैं. इसी दिन से दिवाली की तैयारियां भी शुरू हो जाएंगी.
इस साल दशहरा 24 अक्टूबर यानी आज मंगलवार को मनाया जा रहा है. माना जाता है कि विजयादशमी भैंस राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का जश्न मनाने का दिन है. लोग देवी दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिक और गणेश की मूर्तियों को जल निकायों में विसर्जित करते हैं.
रावण दहन करने का मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रावण के पुतले जलाने का मुहूर्त आज (24 अक्टूबर) मंगलवार को शाम 5 बजकर 22 मिनट से शाम 6 बजकर 59 मिनट तक है.