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रांचीः शिक्षा के मंदिर में बच्चे शिक्षा ग्रहण के लिए जाते हैं और शिक्षक उन्हें महारथ हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन अगर ज्ञान के मंदिर में शिक्षक ही लापरवाही पर उतर जाए तो ऐसे में आप उन शिक्षकों से और क्या ही अपेक्षा कर सकते है. दरअसल, जामताड़ा जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां 12वीं की एक छात्रा के भविष्य के साथ स्कूल की शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन ने खिलवाड़ किया है.
प्रधानाध्यापक ने किया था पढ़ाई का पूरा खर्च देने का वादा
यह मामला जामताड़ा के प्लस टू उच्च विद्यालय फतेहपुर का है. जहां शिक्षकों की लापरवाही की वजह से 12वीं की छात्रा कुमारी दीपा मंडल पिछले साल इंटर की परीक्षा में नहीं बैठ पाई. वहीं इस बार फिर से वह स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से परीक्षा नहीं दे पाई. मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, विद्यालय के लिपिक ने छात्रा का फार्म ऑनलाइन नहीं भरा था जिसके बाद परीक्षा का एडमिड कार्ड आया ही नहीं और वह परीक्षा से वंचित रह गई. पिछली बार हुई गलतियों को स्वीकारते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मानधन हेम्ब्रम ने एक साल का पढ़ाई का पूरा खर्च देने का वादा किया था. साथ ही कहा था कि छात्रा को पढ़ाई को लेकर कोई पेरशानी नहीं होगी लेकिन अब वे अपने किेए वादों से मुकर रहे है.
परिजनों के स्कूल पहुंचने पर पुलिस बुलाने की धमकी
जानकारी के अनुसार, छात्रा के पिता एक दिहाड़ी मजदूर है और वे चाहते है कि उनकी एकलौती बेटी पढ़-लिखकर आगे बढ़ें. इसलिए वे एक साल के बाद फिर विद्यालय पहुंचे लेकिन परीक्षा का फार्म भरने के लिए विद्यालय प्रधानाध्यापक ने अपने किए वादे भूलकर छात्रा के पिता से फीस का खर्ज मांगा. वहीं पिता ने जब उनसे उनके किए वादों की बातें कही तो प्रधानाध्यापक ने पुलिस को बुलाने की धमकी दी. इधर, इस मामले को लेकर छात्रा ने कहा कि एक साल शिक्षक की गलती के कारण हमारी सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. छात्रा ने कहा कि सारे दोस्त अच्छे नम्बरों से पास हो गए. और मैं अकेली रह गई. अब उस तरह से पढ़ाई में मन भी नहीं लग रहा. इस साल भी ट्यूशन पढ़कर कड़ी मेहनत की लेकिन टीचर इस खर्च को उठाने के लिए तैयार नहीं है.
डीईओ उचित कार्रवाई करने का दिया आश्वासन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब मामले को लेकर मीडिया कर्मी स्कूल पहुंचे तो प्रधानाध्यापक स्कूल अवधि के बीच ही घर के लिए निकल गए. इधर छात्रा के परिजनों ने प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा मनमानी करने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग की है. वहीं, शिकायत मिलने के बाद डीईओ कृष्ण गोपाल झा ने जांच कमेटी बैठाकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन पीड़ित अभिभावक और छात्रा को दिया है.