गाइडलाइन की अनदेखी कर झारखंड जगुआर में STF भत्ता के रूप में हुआ 100 करोड़ का भुगतान
न्यूज11 भारत
रांची : राजधानी में स्थित झारखंड जगुआर में STF भत्ता के रूप में तकरीबन 100 करोड़ का भुगतान हो गया है. यह भुगतान गाइडलाइन की अनदेखी कर किया गया है. यह अनदेखी किस स्तर से हुई, इसकी जांच कराने के लिए गृह विभाग कैबिनेट से मंजूरी लेगा. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद पूरे मामले की जांच आईजी (IG) अभियान करेंगे. इस अनियमित भुगतान का पता सदस्य राजस्व पर्षद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की जांच में सामने आई. एसटीएफ भत्ता का भुगतान झाखंड जगुआर में 2008 से 2019 तक होता रहा.
झारखंड जगुआर में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अफसरों व जवानों को एसटीएफ (STF) भत्ता मिलना था. मगर प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अफसरों व कर्मचारियों के साथ जगुआर में पदस्थापित मूल कैडर के अफसर और कर्मचारी भी भत्ता उठाते रहे. मूल कैडर के कर्मियों ने वेतन के साथ 50 प्रतिशत भत्ता के रूप में वेतन के साथ अतिरिक्त भुगतान लिया. गृह विभाग ने एसटीएफ भत्ता भुगतान की जांच कराने का निर्णय लिया है. जांच की अनुमति के लिए गृह विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव भेजेगा. कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद जांच शुरू होगी.
महालेखाकार ने किया नजर अंदाज
राजस्व पार्षद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी. कमेटी के द्वारा कहा गया था कि कैडर पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों को भत्ता नहीं मिलना चाहिए. इसके बाद भी उन्हें भत्ता दिया गया है. दूसरे कैडर से आने वाले पुलिसकर्मियों को ही झारखंड जगुआर में भत्ता मिल सकता है. इसके बाद भी महालेखाकार ने इसे नजर अंदाज किया और पुलिसकर्मियों को भत्ता मिलता गया.
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STF को मिलेगी अतिरिक्त जिम्मेवारी
राजधानी में एसटीएफ को अतिरिक्त जिम्म्वारी देने की तैयारी की जा रही है. दूसरे राज्यों में एसटीएम उग्रवाद के साथ-साथ अपराधिक मामलों में भी जांच करती है लेकिन राजधानी में एसटीएफ के द्वारा सिर्फ उग्रवाद पर काम किया जाता है. इस वजह से एसटीएफ को अपराधिक मामलों की भी जांच करने की जिम्मेवारी दी जा सकती है.