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रांची: कई बार समन जारी किए जाने के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष DSP प्रमोद मिश्रा और पुलिस अधिकारी सरफ़ुद्दीन खान उपस्थित नहीं हो रहे थे. इसके बाद उन्होने याचिका दायर कर मामला हाईकोर्ट में डाल दिया जिसकी आज सुनवाई हुई ED के द्वारा समन जारी किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में DSP प्रमोद मिश्रा और पुलिस अधिकारी सरफ़ुद्दीन खान की याचिका पर सुनवाई हुई.
मालूम हो कि दोनों ही पुलिस अधिकारी बड़हरवा टोल केस की जांच में शामिल थे. इस केस में मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम आरोपी हैं. वहीं इस केस के शिकायतकर्ता शंभुनंदन ने आरोप लगाया था कि इोल मामले में पंकज मिश्राा और मंत्री आलम गीर आलम ने धांधली की और उनके साथ मारपीट भी की.
इस केस में दोनो ही आरोपी को साहिबगंज के तत्कालिक DSP प्रमोद मिश्रा और पुलिस अधिकारी सरफ़ुद्दीन खान ने 24 घंटे के अंदर क्लीन चिट दे दिया था. इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तीन बार समन जारी कर दोनो को कार्यालय आने को कहा परंतु तीनो ही बार DSP प्रमोद मिश्रा और पुलिस अधिकारी सरफ़ुद्दीन खान उपस्थित नहीं हुए.
उल्टे इस मामले में ED के द्वारा समन जारी किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. आज शुक्रवार को इसी याचिका पर कोर्ट के द्वारा सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर की कोर्ट में अदालत ने दोनों ही अधिकारियों को ED के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने ईडी को भी नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.