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रांचीः द्रौपदी मुर्मू को देश के 15वीं राष्ट्रपति बन गई. संसद के सेंट्रल हॉल में देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी. शपथ के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है. इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढ़ेगा- सबका प्रयास और सबका कर्तव्य.
देश की दूसरी और पहली आदिवासी राष्ट्रपति
देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी. उन्होंने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश की 15वीं को शपथ दिलाई. इसके साथ द्रौपदी मुर्मू आज देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं. बता दें, मुर्मू सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति है. इसके अलावे द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति बनी हैं.
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पद की शपथ के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन
देश के सर्वोच्चतम पद की शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में दोनो सदनों के सदस्यों को धन्यवाद दिया. मुर्मू ने कहा कि सबके प्रयास से उज्जवल भारत का निर्माण संभव है. देश के नागरिकों का विनम्रता से अभिनंदन करती हूं. साथ ही मैं देश के लोगों को कारिगल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं. बता दें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरूआत जोहार ! नमस्कार ! से किया. उन्होंने कहा- जोहार ! नमस्कार !..भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है. उन्होंने कहा कि मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं.उन्होंने कहा कि आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा. उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है. उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है.
करगिल दिवस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कल यानी 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है. ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है.उन्होंने कहा कि मैं आज देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं.