Tuesday, Apr 23 2024 | Time 20:26 Hrs(IST)
 logo img
  • सिमडेगा के जलडेगा में एक बार फिर नजर आई 'खाट' पर सरकारी व्यवस्था
  • बरकट्ठा लाइन होटलों के पीछे से सैकड़ों अवैध मवेशियों को पुलिस ने किया जब्त
  • लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर डीसी और एसपी पहुंचे ठेठईटांगर
  • हॉकी की धरती सिमडेगा में हॉकी खिलाड़ियों ने मतदान के प्रति ग्रामीणों को किया जागरूक
  • एसपी ने बेंगाबाद में बूथ कलस्टर का किया निरीक्षण
  • शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर लगाया जुर्माना
  • प्रचंड गर्मी और लू के बीच जनसंपर्क अभियान में पसीना बहा रहें हैं एनडीए उम्मीदवार मनीष जायसवाल
  • पलामू लोकसभा से आज तीन प्रत्याशियों ने किया नामांकन
  • पलामू लोकसभा से आज तीन प्रत्याशियों ने किया नामांकन
  • चैनपुर में धूमधाम से मनाया गया प्राकृतिक पर्व सरहुल,बैगा के द्वारा सरहूल फूल का किया गया वितरण
  • Weather Update: इन राज्यों में बारिश का ALERT जारी, जानें अपने शहर का हाल
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े लोकपाल के मामले में निशिकांत दुबे को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया नोटिस
  • YK DAS के सारे कामों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
  • खुशखबरी ! अब Pocket पर नहीं होगा असर, IRCTC काफी कम बजट में कराएगी 7 ज्योतिर्लिंग के दर्शन
  • जेल में बंद इंजिनियर वीरेंद्र राम के पिता एवं पत्नी के खिलाफ 82 का इश्तेहार हुआ जारी
NEWS11 स्पेशल


सीएजी को डॉ. निशिकांत दुबे ने लिखा पत्र, कहा 'वकीलों पर हो रहे खर्च का कराए ऑडिट'

सीएजी को डॉ. निशिकांत दुबे ने लिखा पत्र, कहा 'वकीलों पर हो रहे खर्च का कराए ऑडिट'
न्यूज11 भारत




रांची: गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने गिरीश चंद्र मुर्मू, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से सरकार द्वारा हाईकोर्ट में चल रहे जनहित याचिकाओं और चुनाव आयोग में आयोग्यता मामले में निजी वकील नहीं लगाया गया है. पत्र के मध्यम से सीएजी से मामले में वकीलों पर हो रहे खर्च के ऑडिट की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर यह भी बताया है कि झारखंड की जनता का पैसा सोरेन परिवार, दलालों, भ्रष्टाचारी व बिचौलियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में केवल वकीलों को झारखंड सरकार प्रत्येक दिन 50 लाख से ज्यादा खर्च कर रही है. आगे उन्होंने लिखा है, "ठीके है माल महाराज का मिर्जा खेले होली."

 


 

पढ़े सीएजी को डॉ. निशिकांत दुबे ने पत्र में क्या लिखा है

 

झारखंड उच्च न्यायालय, रांची में चल रहे जनहित याचिकाओं और चुनाव आयोग में अयोग्यता मामले में, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों द्वारा कोई निजी वकील नहीं लगाया गया है. राज्य सरकार ने इन लोगों की रक्षा के लिए अधिवक्ता कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी और पल्लवी लंगर की सेवा ली. मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि हेमंत सोरेन और उनके सहयोगी निजी व्यक्ति हैं, वे राज्य सरकार नहीं हैं.

 


 

जनहित याचिका: 4290/2021 में यह आरोप लगाया गया है कि ये मुखौटा कंपनियां हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों की हैं.  झारखंड सरकार के पास इन शेल कंपनियों का स्वामित्व नहीं है और झारखंड के लोगों की ओर से झारखंड के मुख्यमंत्री इन कंपनियों के मालिक नहीं हैं. झारखंड सरकार के महाधिवक्ता और उनकी टीम हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों, जिन्हें झारखंड करदाताओं के पैसे से भुगतान किया जा रहा है, की ओर से बहस क्यों कर रही है?  झारखंड के गरीब करदाताओं का पैसा इन मुखौटा कंपनियों की सुरक्षा के लिए चंद करोड़ों में क्यों खर्च किया जा रहा है? झारखंड विधानसभा की मंजूरी के बिना इन मुखौटा कंपनियों की सुरक्षा पर खर्च किए जा रहे ये कुछ करोड़ प्रमुख सचिव, कानून विभाग और प्रमुख सचिव, कैबिनेट समन्वय विभाग और सतर्कता वेतन और सेवानिवृत्ति लाभ से क्यों नहीं वसूले जाने चाहिए? 

 

जनहित याचिका: 727/2022 में हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक पद और शक्ति का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर खुद को खनन पट्टा आवंटित किया. झारखंड सरकार के महाधिवक्ता और उनकी टीम हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों, जिन्हें झारखंड करदाताओं के पैसे से भुगतान किया जा रहा है, की ओर से बहस क्यों कर रही है? श्री हेमंत सोरेन के इस अवैध कार्य का बचाव करने के लिए झारखंड के गरीब करदाताओं का पैसा चंद करोड़ों में क्यों खर्च किया जा रहा है? झारखंड विधानसभा की मंजूरी के बिना इस भ्रष्टाचार को बचाने के लिए ये चंद करोड़ क्यों खर्च किए जा रहे हैं.

 

इस संदर्भ मामले में, झारखंड के माननीय राज्यपाल, जो एक संवैधानिक प्राधिकारी हैं, ने भारत के चुनाव आयोग की राय मांगी, जो कार्यालय के मामले के बारे में एक और संवैधानिक प्राधिकरण है. झारखंड विधान सभा के दो माननीय सदस्य के लाभ के लिए झारखंड के गरीब करदाताओं का पैसा इस ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस के बचाव के लिए क्यों खर्च किया जा रहा है? क्या झारखंड विधानसभा ने राज्य सरकार को अपने सदस्यों के निजी मामलों पर पैसा खर्च करने की मंजूरी प्रमुख सचिव, कानून विभाग और प्रमुख सचिव, कैबिनेट समन्वय और सतर्कता विभाग को दी थी?
अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.