मनीष मंडल/न्यूज 11 भारत
बेंगाबाद/डेस्कः गिरिडीह कॉलेज गिरिडीह के सभागार में बड़ी धूम धाम से डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनाई गई. रविवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण इस बार 13 अप्रैल को ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव जयंती के उपलक्ष्य में गिरिडीह कॉलेज, गिरिडीह में 'डॉ.भीमराव अंबेडकर : चिंतन एवं विचार' विषय पर एन. एस. एस. इकाई - एक और बी. एड. विभाग के सौजन्य से एक संगोष्ठी आयोजित की गई. संगोष्ठी में अंबेडकर के जीवन और विचारों के गहरे अध्येता रामदेव विश्वबंधु मुख्य अतिथि थे. विश्वबंधु ने अंबेडकर के विचारों के अनेक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए गांधी और नेहरू से उनके आत्मीय संवादों पर विशेष चर्चा की.
उन्होंने कहा कि अंबेडकर देश और राजनीति से धर्म को अलग देखने और रखने के हिमायती थे. साथ ही, श्री शंकर पांडेय ने बाबा साहेब की शिक्षा और उनके संघर्षों को रेखांकित किया. इतिहास के प्रोफेसर डॉ.धनेश्वर रजक ने भारतीय समाज और संस्कृति के आधुनिक व्याख्याकार के रूप में अंबेडकर को याद किया. राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर बालेंदु शेखर त्रिपाठी ने अंबेडकर को एक सतत अध्ययनशील और पूर्वग्रहमुक्त चिंतक और ऐक्टिविस्ट बताया.
राजनीति विज्ञान के ही प्रो. राजकुमार वर्मा ने बाबा साहेब को तत्कालीन भारतीय सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों में समझने की जरूरत पर प्रकाश डाला. बी. एड. के छात्र श्वेता कुमारी और अजय कुमार रजक, राजनीति विज्ञान के केशव कुमार और सूरज कुमार ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार तथा संचालन बी. एड. के सहायक प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने किया. एन. एस. एस. के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं हिंदी के प्रोफेसर डॉ.बलभद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बीज वक्तव्य दिया. अकाउंट सेक्शन के श्री शैलेश चंद्र प्रसाद, श्री प्रदीप कुमार, श्री संतोष कुमार सिंह और कार्यालय प्रमुख श्री पंकज कुमार प्रियदर्शी आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे. साथ ही, बी. एड. सहित हिंदी, राजनीति विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, भूगोल, उर्दू, संथाली आदि विषयों के छात्र- छात्राओं से सभागार खचाखच भरा हुआ था.