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रांची: राजधानी रांची में कोरोना के 90 प्रतिशत मामले ओमिक्रोन के है! जी हां, आपने अभी जो पढ़ा हो सके उसपर आपको भरोसा ना हो, लेकिन रांची के राज हॉस्पिटल के 6 डॉक्टरों की टीम ने हाल में जो केस स्टडी की, उससे ऐसे आंकड़े सामने आए है जो आपको चिंता में डाल देगी. बता दें कि रांची के राज अस्पताल के 6 डॉक्टरों की टीम ने मिलकर 250 कोरोना संक्रमित मरीजों पर स्टडी की तो पाया मरीजों के लक्षण वही है जो महाराष्ट्र और दिल्ली में पाए गए कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के मरीजों से मिलते जुलते बताये जा रहे है. हालांकि हमारे राज्य झारखण्ड में जांच के अभाव से हम इसको नज़रअंदाज़ कर रहे है और यही मान रहे है कि सारे मामले कोरोना के तो है पर ओमिक्रोन के नहीं, ऐसे में डॉक्टरों की यह स्टडी आपके होश उड़ा सकती है.
डॉक्टरों से बात करने पर पता चला कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों में भी हुबहू वही लक्षण मिल रहे हैं जो कोरोना के दूसरी लहर के दौरान फैले वैरिएंट डेल्टा के दौरान पाए गए थे. बुखार होना, शरीर में दर्द, गले में खराश होना और सांस लेने में परेशानी होना वजैसे ही सामान लक्षण सामने आ रहे है. साथ ही सर्दी, खांसी और सिर दर्द भी होना ओमिक्रोन के लक्षण हैं. इसके साथ ही नए वैरिएंट में दो और लक्षण उभर कर हमारे सामने आ रहे हैं. इसमें संक्रमित मरीजों को वोमिटिंग होने के साथ भूख भी नहीं लग रही है.
मरीजों की मृत्यु दर बेहद कम, स्थिति सामान्य
स्टडी में यह बात सामने आई है कि इसमें मरीजों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है. साथ ही मृत्यु दर भी ओमिक्रोन के मामलों में बेहद कम है. मरीज पैरासिटामोल की सामान्य दवा की ट्रीटमेंट में भी तीन दिन में ठीक हो जा रहे हैं. साथ ही एक ख़ास बात निकल कर सामने आ रही है कि डेल्टा वैरिएंट की तरह यह लंग्स को प्रभावित नहीं कर रहा है. इसमें तुरंत एंटीबॉडी डेवलप हो जा रहे हैं.
लोगों को घबराने की नहीं है जरूरत
डॉक्टरों की टीम का कहना है कि सामान्य होने के बाद भी इसे भी सतर्कता उतनी ही जरूरी है जितनी कोविड के डेल्टा वैरिएंट में थी. इसका प्रबंधन भी ठीक उसी प्रकार आइसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के आधार पर करना आवश्यक है. इसकी जांच के लिए RT-PCR अभी एक सामान्य व स्टैंडर्ड मानक है. उन्होंने लोगों से घबराने की बजाए डॉक्टर से संपर्क कर तुरंत इसका ट्रीटमेंट शुरू करने की अपील की है.
इन्होंने तैयार की है रिपोर्ट
स्टडी कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए रांची के राज हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, डॉ. मोहिब अहमद, डॉ. एके अग्रवाल, डॉ. नीलम, डॉ. श्याम और डॉ. बिरेंद्र कुमार की टीम ने गहन अध्ययन के बाद इसको तैयार किया है.