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रांची: झारखंड में कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए इस बैठक में 'पानी में डूबने' को विशेष स्थानीय आपदा में शामिल किया है जिसके तहत अब कुआं, तालाब या नाला आदि में भी डूबने से मृत्यु होने पर आश्रित को अनुग्रह राशि मिलेगी. बता दें राज्य सरकार ने नाव दुर्घटना, नदी, डोभा और जलप्रपात में डूबने की घटना की जगह 'पानी में डूबने' को विशेष स्थानीय आपदा में शामिल किया है. बता दें इस बारे में राज्य सरकार ने संकल्प जारी किया है.
इससे अब कुआं, तालाब या नाला आदि में भी डूबने से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को सांत्वना राशि प्रदान की जाएगी. इधर कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही राज्य सरकार ने इस संबंध में नियमों में संशोधन करते हुए संकल्प जारी कर दिया है. बता दें राज्य सरकार द्वारा राज्य की विशिष्ट स्थानीय आपदाओं में 'पानी में डूबने' की घटना को राज्य की विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित करने से केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग द्वारा 10 अक्टूबर 2022 द्वारा जारी मापदंड की संशोधित सूची के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जाएगी.
वहीं आत्महत्या एवं हत्या के फलस्वरुप हुए मृत्यु के मामले में मृतक के परिवार को अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा. इस संकल्प के अनुसार केवल हादसों में हुई क्षति के फलस्वरूप ही सांत्वना राशि का भुगतान किया जाएगा. आत्महत्या अथवा हत्या के प्रयास के फलस्वरूप शरीर के किसी अंग की हानि होने पर भी अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा.इसके साथ ही यह साफ किया गया कि ऐसे मामलों में गहरा जख्म होने पर भी चिकित्सा हेतु सहायता राशि नहीं दी जाएगी.
वहीं मामले की सत्यता और जांच के लिए उपायुक्त करेंगे. बता दें स्थानीय आपदा के तहत होने वाली मृत्यु की जांच के संबंध में शहर के उपायुक्त द्वारा घटना की प्रशासनिक जांच कराई जाएगी. वहीं मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, प्राथमिकी व प्रशासनिक जांच प्रतिवेदन के आधार पर मृतक के परिवार को अनुग्रह राशि के भुगतान के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा.
इसके साथ ही पानी में डूबने के कारण जख्मी होने पर या शरीर के किसी अंग की क्षति होने पर उपायुक्त द्वारा घटना की प्रशासनिक जांच कराई जाएगी. इसके साथ ही जांच प्रतिवेदन एवं चिकित्सा प्रमाण पत्र की रिपोर्ट के आधार पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा अनुग्रह राशि के भुगतान के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. बताते चलें कि शव न मिलने पर निर्णय कैसे होगा.
इस स्थिति में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 10 दिसंबर 2018 को जारी संकल्प 10 दिसंबर 2018 में अंकित प्रविधान के आलोक में मृतक के परिवार को राशि के भुगतान के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा. मालूम हो कि 2018 में राज्य सरकार ने जो संकल्प जारी किया था उसमें नाव दुर्घटना, नदी, डोभा व जलप्रपात में डूबने की घटना को ही विशिष्ट स्थानीय आपदा में शामिल किया गया था. परंतु अब 'पानी में डूबने' को विशेष स्थानीय आपदा में शामिल किया है.