कृषि उपज पर कृषि शुल्क को समाप्त करने की मांग को लेकर खाद्यान्नों का आवक पूरी तरह हुआ बंद
न्यूज11 भारत
रांचीः फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का विरोध और हड़ताल लंबी चली तो झारखंड में खाद्य पदार्थ बहुत ही महंगे हो जाएंगे. मालूम हो कि झारखंड में कृषि उपज पर कृषि शुल्क लागू करने के विरोध में फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के आहवान पर गत दिवस से प्रदेश में खाद्यान्न की आवक पूरी तरह से बंद कर दी गई है. राइस मिल, दाल मिल और तेल मिलर्स द्वारा माल का डिस्पैच भी बंद कर दिया गया है. आलू-प्याज जो ट्रांजिट में थे वे पहुंच रहे हैं. नये ऑर्डर बंद हैं. झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों के नेतृत्व में गत दिवस देर शाम रांची चैम्बर, आलू प्याज़ थोक विक्रेता संघ, आढ़ती एवं वनोपज संघ के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से पंडरा बाजार का मुआयना कर इसकी समीक्षा की. इस दौरान बाजार प्रांगण के खाद्यान्न, आलू-प्याज थोक विक्रेता, आढती एवं वनोपज के व्यापारी, कृषि बाजार प्रांगण पंडरा के मुख्य बाजार एवं टर्मिनल मार्केट एवं बाजार प्रांगण के बाहर के अनेक क्षेत्र के सभी कृषि उपज के थोक एवं खुदरा व्यापारियों ने झारखण्ड चैंबर को आश्वस्त किया कि चैंबर के अगले निर्देश तक माल की आवक पूरी तरह से बंद रहेगी.
राजधानी सहित सभी मंडियों में माल आवक पूरी तरह हुआ ठप
राजधानी रांची की भांति अन्य जिलों की मंडियों में भी माल की आवक पूरी तरह से बंद कर दी गई है. पूरे गिरिडीह जिला में सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ, पशु आहार आदि की अन्य प्रदेशों से आवक आज से बंद है. सिर्फ 3 ट्रक खाद्य पदार्थ जो कि मार्ग में थे, उनके गिरिडीह में आने की सूचना मिली है. आंदोलन का प्रभाव अगले 2-3 दिनों में सारे राज्य में दिखाई देगा. देवघर में भी आज पूरी तरह से आवक बंद रहा. जो माल आये, वे तीन-चार दिन पूर्व के ऑर्डर थे. देवघर मार्केट में सामान्यतया डेढ से ढाई करोड का प्रतिदिन माल उतरता है। गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा और खूंटी का बाजार पंडरा बाजार पर आश्रित है. चूंकि कल पंडरा बाजार खुला था, इसलिए पंडरा से चली हुई गाडी आज इन जगहों पर गई किंतु सामान्य दिनों की अपेक्षा आज काफी कम ट्रकें गई. बरवड्डा (धनबाद) स्थित कृषि बाजार समिति के कारोबारियों ने नया ऑर्डर देना बंद कर दिया है. आवक बंद होने के बाद खाद्यान्न का स्टॉक लगभग 15 दिनों का है. यदि थोक व्यापारियों का आंदोलन जारी रहा तो खाद्यान्न का मिलना दूभर हो जायेगा। चैम्बर के निर्देश पर बोकारो, डालटनगंज, जमशेदपुर, चाईबासा, रामगढ, हज़ारीबाग़, दुमका, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़ में भी खाद्यान की आवक अन्य दिनों की अपेक्षा काफी कम रही। चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि खाद्यान्न की आवक बंद होने के बावजूद मंडी से कारोबार जारी रहेगा. गोदाम में जो भी स्टॉक है, मंडी में उपलब्ध कराया जायेगा, खरीद-बिक्री होगी क्योंकि हमारा मकसद आम जनता को परेशान करना नहीं है, यह आंदोलन सरकार के निर्णयों के खिलाफ है.
चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि पिछले एक माह से जारी राज्यस्तरीय विरोध के बावजूद इस विधेयक को समाप्त करने की दिशा में सरकार द्वारा अब तक संज्ञान नहीं लिये जाने के कारण ही गत दिवस से झारखण्ड में अन्य राज्यों से खाद्यान्न की आवक पूरी तरह से बंद कर दी गई है. मिल, कोल्ड स्टॉरेज स्टॉकिस्ट के स्तर पर झारखण्ड राज्य के अंदर सप्लाई पूरी तरह से बंद रहेगी। इस दौरान दुकानदार के स्तर पर उपलब्ध स्टॉक की अंर्तरजिला बिक्री जारी रहेगी. इस अवधि में केवल 15 मई तक बिल हुए ट्रांजिट में आनेवाले माल ही रिसीव किये जायेंगे, नये माल नहीं मंगाये जायेंगे. हम समझते हैं कि इस निर्णय से राज्य में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता प्रभावित होगी जिससे निकट भविष्य में उपभोक्ताओं को भी कठिनाई की संभावना है किंतु इस अतार्किक विधेयक के प्रभावी होने से खाद्य पदार्थों की कीमतों में मूल्यवृद्धि के साथ ही इस शुल्क की आड में भ्रष्टाचार एवं इंस्पेक्टर राज के प्रोत्साहन की आशंका को देखते हुए और उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए खाद्यान्न की आवक बंद करने का निर्णय लेना हमारी विवशता है। हम पुनः सरकार से अपील करते हैं कि सरकार अपनी हठधर्मिता छोडे और ब्यूरोक्रेट्स द्वारा गलत मंशा से लागू कराये जानेवाले इस विधेयक को समाप्त करने की साकारात्मक पहल करे अन्यथा यदि खाद्य पदार्थों की आवक का बंद होना आगे भी जारी रहा तब स्थितियां और विकट होंगी जिसे सरकार द्वारा संभाल पाना संभव नहीं होगा.