न्यूज 11 भारत
रांचीः पल्स अस्पताल का निर्माण जिस जमीन पर किया गया है उसकी जांच रिपोर्ट डीसी छवि रंजन ने 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद से ही जांच रिपोर्ट की तलाश जारी है. जानकारी के अनुसार अपर समाहर्ता राजेश बरवार के निर्देश पर कार्यालय कर्मी उक्त जमीन की जांच रिपोर्ट को ढूंढने में दो दिन से लगे हैं. मालूम हो कि भुईंहरी जमीन पर अस्पताल बनाए जाने की शिकायत इसकी शिकायत नारायण विश्वकर्मा नाम व्यक्ति ने फरवरी 2020 में की थी. जिसके बाद हेमंत सोरेन ने 13 फरवरी 2020 को डीसी रांची को निर्देश देते हुए कहा था कि आरोपियों पर कार्रवाई कर सूचित करें. जिसके बाद तत्कालीन डीसी राय महिमापत रे ने तत्कालीन अपर समाहर्ता सत्येंद्र कुमार और बड़गाईं सीओ की दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई थी. लेकिन अब जांच रिपोर्ट ही गायब है. ईडी ने छापेमारी के बाद अस्पताल से संबंधित रिपोर्ट जिला प्रशासन से मांगी है. जिसको लेकर डीसी ने अपर समाहर्ता को पत्र मिलने के बाद 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद से ही समाहरणालय स्थित अपर समाहर्ता कार्यालय में जांच से संबंधित फाइल की खोजबिन जारी है. कार्यालय के एक कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया ह कि जांच से संबंधित फाइल के संबंध में कार्यालय के रजिस्टर में भी डिटेल दर्ज नहीं है.
क्या है पूरा मामला
भुईंहरी नेचर की जमीन पर ही पल्स हॉस्पिटल का निर्माण हुआ है इस बात की पुष्टि एसी व सीओ की जांच टीम ने की थी. उक्त जमीन के म्युटेशन के लिए बड़गाईं अंचल में आवेदन किया गया था. मगर तत्कालीन सीओ विनोद प्रजापति ने उसे रिजेक्ट कर दिया. रिजेक्ट करने के कारण में उन्होंने स्पष्ट किया था कि राजस्व कर्मचारी और अंचल निरीक्षक की ओर से प्रतिवेदित किया गया है कि म्युटेशन के लिए आवेदित भूमि सर्व खतियान के अनुसार ऑनलाइन बकास्ट भुईंहरी दर्ज है. जो सरकार के निहित नहीं है. अत: प्रतिवेदन के आधार पर नामांतरण अस्वीकृत किया जाता है. इसके बावजूद उक्त जमीन पर नगर निगम ने अस्पताल बनाने का नक्शा पास कर दिया. इतना ही नहीं एचडीएफसी बैंक ने 23 करोड़ का लोन भी दिया. अब इस मामले में सभी संबंधित पदाधिकारी-कर्मचारी भी जांच के रडार पर हैं.