रांची: केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, चारधाम यात्रा की शुरूआत 18 सितंबर से शुरू हो गया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस यात्रा को शुरू किया गया है. यात्रा के पहले दिन अन्य राज्यों से आए 419 श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए. सभी श्रद्धालुओं ने कोविड 19 के सभी मानदंडों को पूरा किया था, तब यात्रा की अनुमति मिली. चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है. बोर्ड के अनुसार केदारनाथ धाम के लिए अगले 12 दिनों की बुकिंग पूरी कर ली गई है.
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री, इन धामों में जाने से पहले श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना होगा. इसके लिए ई—पास जारी किए जा रहे हैं. ई—पास होने पर ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी. कोई यात्री रात को धामों में रुकना चाहे तो रुक सकता है. देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि चारों धामों में यात्रियों की संख्या दर्शन करने के लिए तय की गई है.
दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए पंजीकरण जरूरी :
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दर्शन को आने वाले दूसरे राज्य के श्रद्धालुओं को स्मार्ट सिटी के अलावा देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल पर भी पंजीकरण कराना होगा. स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण से उन्हें राज्य में प्रवेश मिलेगा. जबकि, देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण से यात्रा का ई पास मिलेगा. राज्य के यात्रियों को केवल देवस्थानम बोर्ड की साइट पर पंजीकरण कराना होगा.
ग्रीन व ट्रिप कार्ड अनिवार्य, कार्ड के बिना अनुमति नहीं :
यात्रा में जाने वाले कॉमर्शियल वाहनों को अनिवार्य तौर पर ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड भी बनवाना होगा. चारधाम यात्रा को लेकर शुक्रवार शाम परिवहन मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई. इसके बाद परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यात्रा संचालन को आरटीओ दून को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. विभाग ने कॉमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड अनिवार्य कर दिया है. ग्रीन कार्ड ऑनलाइन जारी किए जाएंगे.