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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके सगे-संबंधी और करीबियों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में 8 अप्रैल, 2021 को एक PIL दायर हुआ जिसमें कहा गया कि लगभग 38 कंपनी के नाम उनसे जुड़े हुए है. बीते शुक्रवार को इसपर सुनवाई के बाद प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने मीडिया के समक्ष बयान देते हुए कहा था कि अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री, उनके सगे-संबंधी और करीबियों से जुड़े कंपनियों की जांच को लेकर ROC (रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी) एवं ED को भी जांच के निर्देश दिए गए है. वहीं ये खबर आग की तरह फैली और कुछ घंटे बाद ही राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन एक प्रेसवार्ता करते हुए ख़बरों का खंडन करते हुए पुरे प्रकरण को ही भ्रामक बता देते है. AG ने कहा था कि ED को जांच करने के कोई निर्देश नहीं दिया गया है. शेल कंपनी मामले में अदालत के आदेश की कॉपी पारित हुई. आदेश कॉपी में ईडी से जांच कराने का जिक्र नहीं, बल्की ईडी को दोबारा पार्टी बनाया गया है. ईडी को नोटस, वकील ने ईडी का नोटिस वेव किया. अदालत की सुनवाई के दौरान शिव शंकर शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सवाल उठे थे. आदेश कॉपी में पहले से खारिज हुई याचिका पर पीटीशनर से जवाब मांगा है.
रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी को तथ्य जांचने का आदेश जरुर मिला है. वहीं उन्होंने कहा कि आज अदालत में उन्होंने जानकारी दी कि पूरी PIL पहले ही झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 50 हज़ार का कॉस्ट जुर्माना लगते हुए खारिज कर दिया था. यह PIL दीवान इन्द्रनील सिन्हा ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से ही की थी. उसी PIL के दस्तावेज को PIL 4220/2021 में संलग्न किया गया है. इसको लेकर भी अदालत ने याचिकाकर्ता से अगले आदेश तक जवाब दाखिल करने को कहा है. सम्बंधित PIL से जुडी आदेश कॉपी आज अदालत द्वारा पारित हुआ जिससे यह साफ़ हो गया कि महाधिवक्ता द्वारा कही गयी बातें सही है. मामले में कही भी ED से जांच कराने का ज़िक्र नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी.