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रांची: जल स्रोतों पर अतिक्रमण को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार पर नाराजगी जताई है. बता दें रांची में डैम, तालाब और जल स्रोतों के आसपास फैले प्रदूषण को लेकर और अतिक्रमण पर नाराजगी जाहिर की है. मालूम हो कि मंगलवार को कोर्ट ने इस मुद्दे पर दाखिल कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की.
वहीं इस मामले में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रांची नगर निगम से जलाशयों एवं जल स्रोतों के आसपास अतिक्रमण को हटाने को लेकर अब तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्योरा पेश करने को कहा है. बता दें कोर्ट ने यह भी पूछा है कि रांची के बड़ा तालाब के आसपास अतिक्रमण को हटाने को लेकर क्या कदम उठाए गए? मामले में न्यायालय ने रांची नगर निगम की ओर से दायर शपथ पत्र पर असंतोष जताते हुए दोबारा पूर्ण विवरण के साथ शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने रांची स्थित कांके डैम के सौंदर्यीकरण के संबंध में दाखिल हस्तक्षेप याचिका पर राज्य सरकार के नगर विकास विभाग, रांची के डीसी और पेयजल स्वच्छता विभाग को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल निर्धारित की गई है. मालूम हो कि प्रार्थी खुशबू कटारुका ने रांची के प्रसिद्ध बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि रांची शहर के विभिन्न गंदे नाले -नालियों का पानी बड़ा तालाब में गिराया जाता है.
इससे बड़ा तालाब का पानी काफी दूषित है. साथ ही कहा गया है कि यहां जलकुंभियों का अंबार लगा हुआ है. निगम द्वारा इसकी सफाई नहीं की जाती है. वहीं रांची के बड़ा तालाब की जमीन का भी अतिक्रमण किया गया है. रांची के कांके डैम, हटिया डैम एवं रुक्का डैम की जमीन का अतिक्रमण किए जाने मामले में भी कोर्ट ने पूर्व में स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. इनपर हुई सुनवाइयों के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को कई दिशा-निर्देश दिए थे.