न्यूज 11 भारत
रांची : देश का पहला हेलमेट बैंक ग्रेटर नोएडा में बनेगा. बैंक के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जमीन की मांग की गई है. 200 स्क्वायर फीट जमीन मिलते ही बैंक निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. हेलमेट बैंक से आमलोग निशुल्क ब्रांडेड हेलमेट ले सकेंगे. हेलमेट मैन राघवेंद्र हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार भारत की सड़कों पर हेलमेट बैंक बना रहे हैं. बैंक बनाने का उद्देश्य है लोगों को सड़क दुर्घटना में बचाना, लोगों में हेलमेट लगाने की संख्या बढ़े और सड़क पर डुप्लीकेट हेलमेट की जगह लोग सही हेलमेट का इस्तेमाल कर सकें.
हेलमेट मैन राघवेंद्र ने बताया है कि 1 महीने के अंदर हेलमेट बैंक बनकर तैयार हो जाएगा. जिले का कोई भी व्यक्ति 7 दिनों के लिए निशुल्क ब्रांड हेलमेट BSI स्टैंडर्ड्स का लाभ ले सकता है. हेलमेट बैंक सुबह 6:00 बजे से लेकर रात को 8:00 बजे तक खुला रहेगा. बैंक सालोंभर 365 दिन आमलोगों को सेवा प्रदान करेगा.
वापस नहीं लौटाने पर देना होगा जुर्माना
हेलमेट लेने के लिए कुछ आवश्यक डाक्यूमेंट्स की भी जरूरत पड़ेगी. जिसमें हेलमेट लेने वाले का आधार कार्ड और दोपहिया वाहन गाड़ी नंबर का होना जरूरी है. हेलमेट बैंक से सिर्फ 7 दिन के लिए हेलमेट मिलेगा. उसके बाद जरूरत पड़ने पर दोबारा भी हेलमेट ले सकता है. अगर कोई हेलमेट वापस नहीं करता है तो उसे ₹10 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी देना पड़ेगा.
अगर कोई सदा के लिए हेलमेट रख लिया तो उसे दो हजार रुपए का फाइन भी भरना पड़ेगा. हेलमेट बैंक से हेलमेट लेने वाले को जागरूकता के साथ यातायात नियमों की जानकारियां भी दी जाएगी. इस हेलमेट बैंक में 4 साल उम्र के बच्चों के लिए भी हेलमेट उपलब्ध होगा.
आर्थिक मदद के लिए आते रहते है फोन
हेलमेट मैंन ने बताया कि मुझे प्रतिदिन भारत के कोने कोने से सड़क दुर्घटना में घायल परिवार वालों की रफ से आर्थिक मदद के लिए फोन आते रहते हैं. जो अपनों को बचाने के लिए हॉस्पिटल का बिल चुकाने के लिए हमेशा अनजान लोगों से मदद की उम्मीद रखते हैं. और इनमें से अधिकतर लोग बिना हेलमेट यात्रा करने वाले लोग होते हैं. हेड इंजरी का इलाज करने के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती है. और आज भारत में मदद मांगने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है.
मित्र को खोने के बाद बाटे 50 हजार हेलमेट
हेलमेट मैन अपने मित्र को खोने के बाद पिछले 7 सालों में 50 हजार से भी ज्यादा हेलमेट निशुल्क बांट चुके हैं और अपना मिशन भारत के 22 राज्यों तक पहुंचा चुके हैं. इनके कार्य की सराहना भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और भारतीय अभिनेता सोनू सूद भी कर चुके हैं. इनके महान कार्यों के लिए विश्व भर से लोग इन्हें बधाई देते हैं.