31 जनवरी तक लगी पाबंदियों में मिल सकती है छूट, जानें क्या है वजह
न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अब कम होने लगी है. 29 दिसंबर 2021 के बाद के लगभग एक माह में कोरोना संक्रमण घटने लगा है और रिकवरी रेट का ग्राफ भी 94.11 फीसदी तक पहुंच गया है. राज्य में कोरोना की डबलिग रेट 159.21 दिन हो गयी है. जबकि मृत्यु दर 1.25 फीसदी है. यह रफ्तार रही, तो सरकार उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक स्कूलों में फिजिकल कक्षाएं दोबारा शुरू कर सकती है. 31 जनवरी के बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है. जानकारी के अनुसार राज्य में 21628 एक्टिव केस कोरोना के तीसरी लहर में हैं. इसमें से 3423 कोरोना संक्रमित ठीक भी हो चुके हैं और 24 दिनों में आठ मौतें हुई है. राजधानी रांची में 9689 संक्रमित हैं. इनमें से 1015 ठीक हो चुके हैं. रांची के अलावा जमशेदपुर में 3760, हजारीबाग में 1169 मामले हैं. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अरुण कुमार सिंह समेत स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और आपदा प्रबंधन विभाग की पूरी टीम प्रत्येक 15 दिनों में कोरोना संक्रमण की समीक्षा कर निर्णय ले रही है. सरकार ने तीसरी लहर में ऐसा प्रयास किया कि औद्योगिक विकास की लहर नहीं रूके और आम जन जीवन भी अस्त व्यस्त नहीं हुआ.
सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमण को लेकर सभी जिलों में आक्सीजन युक्त बेड और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी थीं, ताकि किसी भी तरीके से अव्यवस्था का माहौल नहीं बन सके. इसी क्रम में सरकार यह विचार कर रही है कि स्कूली करिकुलम को व्यवस्थित किया जा सके. वैसे भी शिक्षा मंत्री ने यह घोषणा कर दी है कि झारखंड अधिविद्य परिषद की तरफ से समय पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं ली जायेंगी. ये परीक्षाएं फरवरी अंत और मार्च में प्रस्तावित हैं. सरकारी स्कूल खोलने के फैसले का असर निजी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में भी पड़ेगा, जिसमें कोविड प्रोटोकोल के तहत कक्षाएं ली जायेंगी. राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सबसे पहले शैक्षणिक संस्थानों को 31 जनवरी तक बंद किया था. पहले 15 जनवरी तक कक्षाएं स्थगित की गयी थी. राज्य भर में रात्रि आठ बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया गया था. होटलों, रेस्तरां में बैठ के खाने की व्यवस्था को समाप्त करते हुए होम डिलीवरी को अधिक प्राथमिकता दिया गया था.
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होटलों में 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ रहने और शादी-विवाह के अवसर पर 100 लोगों के साथ समारोह को संपन्न कराने का आदेश दिया गया था. सरकार की तरफ से यह घोषणा की गयी थी कि वैसे लोग, जिन्होंने कोविड के दोनों टीके लिये हैं, उन्हें मंदिर, मस्जिद में प्रवेश की अनुमति दी गयी थी. इसका फायदा भी हुआ. पार्क, जिम और स्विमिंग पुल को संक्रमण के सामूहिक प्रसार को रोकने के लिए बंद किया गया था.
31 के बाद मास्क पहनना और सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर रहेगा अधिक फोकस
राज्य भर में 31 जनवरी के बाद कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क पहनने और सैनिटाइजर के इस्तेमाल को और प्रभावी बनाने के उपाय भी किये जायेंगे. राज्य के चाईबासा, दुमका और पाकुड़ जैसे जिलों में वहां के एसपी और जिला प्रशासन की तरफ से मास्क चेकिंग अभियान चलाया गया था. इसमें लोगों को यह हिदायत दी गयी कि वे मास्क अवश्य पहनें. दुमका में बिना मास्क के पकड़ाये युवकों, लोगों को अस्थायी कैंप ले जाया गया और उनकी कोरोना जांच कराने के बाद उन्हें छोड़ा गया. राजधानी रांची में भी कई जगहों पर यातायात पुलिस ने मास्क चेकिंग अभियान तक चलाया.