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रांची: पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को देश की सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका लगा है. 1988 के रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू पर फैसला बदलते हुए अब उन्हें एक साल जेल की सजा सुनाई है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादन हत्या में बरी कर दिया था. अब सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. ऐसे में सिद्धू को पंजाब पुलिस हिरासत में लेगी. इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ रोडरेज मामले में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था. सिद्धू ने पुनर्विचार याचिका के जवाब में कहा कि यह घटना 33 साल पहले की है और याचिका विचारणीय नहीं है. सिद्धू ने अपनी स्वच्छ प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले में उनकी सजा में बदलाव नहीं करने का आग्रह भी किया था.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को मात्र एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद पीड़ित पक्ष ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को 15 मई 2018 को दरकिनार कर दिया था जिसमें रोडरेज के मामले में सिद्धू को गैरइरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक 65 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक को जानबूझकर चोट पहुंचाने का दोषी माना था लेकिन उन्हें जेल की सजा नहीं दी थी और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत इस अपराध के लिए अधिकतम एक साल जेल की सजा या 1000 रुपये जुर्माने या दोनों का प्रावधान है.
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जाने क्या है पूरा मामला : 1988 में दर्ज हुआ था केस
यह मामला दिसंबर 1988 का है. सिद्धू पटियाला में कार से जाते समय बुजुर्ग गुरनाम सिंह से भिड़ गए थे. गुस्से में सिद्धू ने उन्हें मुक्का मारा जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था. निचली अदालत ने 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था लेकिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी. सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे. सजा के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी.