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रांचीः झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) की तरफ से निकाली गयी प्लेसमेंट एजेंसी के चयन की निविदा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. 18 जनवरी तक राज्य के सभी 10 जोन के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों से जुड़ी कंपनियों को आवेदन देना था. इसके आधार पर 19 जनवरी को प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया जाना था. जेएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक करण सत्यार्थी ने कहा था कि चयनित प्लेसमेंट एजेंसी को सूचिबद्ध कर नयी उत्पाद नीति के आधार पर जिम्मेवारी सौंपनी थी. पर तीन दिन बाद भी निविदा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सूत्रों का कहना है कि दो प्लेसमेंट एजेंसियों ने निविदा में अपना आवेदन दिया है. इसमें प्राइम वन वर्क फोर्स और ए2जेड इंफ्रासर्विसेज लिमिटेड का नाम शामिल है. पहले तो प्लेसमेंट एजेंसी की निविदा में कोई आना नहीं चाह रहा था. अब निविदा में दो कंपनियों ने दिलचस्पी भी दिखलायी हैं, जो फिलहाल राज्य में प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में काम भी कर रहे हैं. जेएसबीसीएल की ओर से रांची, लोहरदगा, खूंटी, पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, सिमडेगा, गुमला समेत अन्य जिलों के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया जाना है.
जेएसबीसीएल सूत्रों के अनुसार दोनों कंपनियों से अग्रधन की राशि (अर्नेस्ट मनी) और बैंक गारंटी जमा करने को कहा गया है. यह भी शर्त रखी गयी है कि 2022-23 के वित्तीय वर्ष की समाप्ति को लेकर अब दो महीने से कुछ अधिक दिन का समय बचा है. ऐसे में इन कंपनियों को आवंटित स्टाक के उठाव के लक्ष्य से अधिक का उठाव करने की शर्त रखी गयी है. इस पर अभी तक कोई आम सहमति नहीं बनी है. उधर यह भी बताया जा रहा है कि शर्त नहीं मानने पर फिर से प्लेसमेंट एजेंसी के चयन को लेकर पुनर्निविदा निकाली जायेगी. राज्यभर में शराब से होने वाले राजस्व की उगाही भी जेएसबीसीएल के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. दो महीने में आठ सौ करोड़ रुपये का लक्ष्य जेएसबीसीएल को प्राप्त करना है. यानी अब बचे हुए 60 से 65 दिनों में प्रति दिन 15 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करनी होगी. तब जाकर 2310 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली संभव हो पायेगी. वैसे भी राज्य में कार्यरत प्लेसमेंट एजेंसियों को राजस्व प्राप्ति का सख्त निर्देश देते हुए स्टाक का उठाव शत प्रतिशत सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. इसको लेकर सभी सहायक आयुक्त और उपायुक्त स्तर के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिये गये हैं.