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गैरमजरूआ मालिक के बीच बंटेगा मुआवजा, आज यहां होगी ग्राम सभा

गैरमजरूआ मालिक के बीच बंटेगा मुआवजा, आज यहां होगी ग्राम सभा
न्यूज11 भारत

रांची: रांची रिंग रोड परियोजना अतिरिक्त-।। तहत पड़ने वाले तीन अंचलों के गैरमजरूआ मालिक को मुआवजा देने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके तहत तीन अंचलों के संबंधित तीन मौजा के गैरमजरूआ मालिक जमीन से संबंधित भू-धारियों को मुआवजा देने के लिए ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है. आज से तीन दिन तक विभिन्न अंचलों के संबंधित मौजा के लिए ग्राम सभा होगा. सबसे पहले 22 नवंबर को अनगड़ा अंचल के हेसल मौजा के लिए  पंचायत भवन, हेसल में ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 3.00 बजे से होगी. 

 

राजस्व कागजात-दावेदारी की होगी जांच

गैरमजरूआ मालिक से संबंधित भू-धारियों को मुआवजा देने के लिए उनके राजस्व कागजातों एवं दावेदारी की जांच की जाएगी. इसको लेकर ही ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है. इस संबंध में जिला भू अर्जन पदाधिकारी की ओर से संबंधित मौजों के भू-धारियों से कहा गया है कि सभी संबंधित कागजातों (बंध-पत्र,भापथ-पत्र मूल में एवं खतियान/डीड, लगान रसीद (अद्यतन), आधार कार्ड, परिचय-पत्र की मूल एवं छाया प्रति, बैंक खाता की छाया प्रति एवं पेन कार्ड की छाया प्रति (यदि उपलब्ध हो) के साथ निर्धारित स्थान पर उपस्थित हों. साथ ही संबंधित राजस्व उप निरीक्षक को कहा गया है कि ग्रामसभा में पंजी-।। और खतियान के अलावा अन्य आवश्यक पंजी के साथ उपस्थित रहेगें.

 

यहां होनी है ग्राम सभा

22 नवंबर को अनगड़ा अंचल के हेसल मौजा के लिए  पंचायत भवन, हेसल में ग्राम सभा होगी.

23 नवंबर को कांके अंचल के नेवरी मौजा के लिए  अंचल कार्यालय कांके में ग्राम सभा होगी.

24 नवंबर को ओरमांझी अंचल के कोईलारी मौजा के लिए अंचल कार्यालय ओरमांझी में ग्राम सभा होगी. 

नोट- तीनों ग्राम सभा का आयोजन दिन के 3:00 बजे से होगा

 


 

3.61 करोड़ रुपए मुआवजा नहीं दिया गया

रांची के रिंग रोड परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण तो हुआ लेकिन गैरमजरूआ मालिक के कारण मुआवजा का भुगतान नहीं हो पाया। वर्तमान में 3, 61, 662 रुपए का भुगतान रुका हुआ है. इसलिए ग्रामसभा के माध्यम से गैरमजरूआ मालिक से संबंधित भू-धारियों के दस्तावेज की जांच कर मुआवजा देने की तैयारी में जिला प्रशासन जुट चुका है.

 

क्या है गैरमजरुआ मालिक जमीन 

वैसी जमीन जो  सर्वे में किसी भी रैयत को तत्कालीन जमींदार द्वारा बंदोबस्त नहीं की गई है, उसे गैरमजरूआ मालिक जमीन कहते हैं. गैरमजरुआ मालिक प्रकृति की जमीन की जांच के लिए डीसी के द्वारा 5 सदस्य कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी क कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही ऐसे जमीन में रहने वाले लोगों को रैयत घोषित किया जाएगा.
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