न्यूज11 भारत
लोहरदगा के कांग्रेस कार्यालय राजेंद्र भवन में मोदी सरकार द्वारा वापस लिए गए तीन कृषि कानून के संबंध में आज झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने प्रेस वार्ता किया, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया गया है, जो महज एक चुनावी जुमला है.
मुझे किसान पुत्र और राजनेता होने के नाते प्रधानमंत्री का यह ऐलान अच्छा लगा, लेकिन ऐलान होने में बहुत देर हो गई, सालभर के दौरान किसानों को बहुत सताया गया. अपने तीन काले कानून को लागू कराने के लिए सरकार और सत्ताधारी दल के लोगों ने किसानों पर बहुत जुल्म ढाएं हैं, इसका भी जवाब भाजपानीत केन्द्र सरकार को देनी पड़ेगी.
किसानों के आंदोलन को विश्व इतिहास का सबसे लंबा लोकतांत्रिक जन आंदोलन माना गया है. मोदी सरकार के तानाशाही रवैये के कारण लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे 700 किसानों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी. किसानों की शहादत इतिहास में दर्ज हो चुकी है, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा.
अब भी किसानों के समक्ष कई सवाल हैं? जिसका जवाब मोदी सरकार को देना पड़ेगा. किसानों की जायज मांग MSP पर कानून बनानी पड़ेगी. जैसा कि आप सभी को मालूम है, किसानों ने मोदी के इस ऐलान पर भरोसा न करते हुए अपने आंदोलन को निरन्तर जारी रखने का फैसला किया है.
कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व हो या राज्य की ईकाई लगातार किसानों के इस आंदोलन में सड़क से लेकर सदन तक आंदोलनरत रहे हैं, जिसका परिणाम रहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को झुकना पड़ा. हमारी पार्टी मांग करती है कि आंदोलन में शहीद हुए 700 किसानों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा और एम. एस.पी पर यथाशीघ्र कानून बना कर देश के किसानों के जख्मों पर राहत पहुंचाए. मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नेसार अहमद, जगदीप भगत, सलीम अंसारी, संदीप गुप्ता, आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.