न्यूज11, भारत
रांची : गुरुवार दोपहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अचानक राज्यपाल रमेश बैस से मिलने राजभवन गए. उन्होंने राज्यपाल से कहा कि निर्वाचन आयोग के मंतव्य की प्रति उन्हें उपलब्ध करायी जाये, ताकि राज्य में उत्पन्न राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त किया जा सके. राजभवन कार्यालय से मंतव्य के संबंध में कथित सूचना के छनकर आने से सरकार, कार्यपालिका एवं जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जो राज्यहित और जनहित में नहीं है. सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते उनसे संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा में महती भूमिका की अपेक्षा की जाती है. वे खुद लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के मुखिया के रूप में संविधान एवं कानून के अनुपालन के लिए संकल्पित हैं. अत: निर्वाचन आयोग के मंतव्य की एक प्रति उपलब्ध करायी जाए और यथाशीघ्र सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाए, ताकि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक अनिश्चितता का वातावरण शीघ्र दूर हो सके और झारखंड राज्य उन्नति, प्रगति और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सके. सीएम ने राज्यपाल से कहा कि फरवरी 2022 से ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा यह भूमिका रची जा रही है कि उनके द्वारा पत्थर खनन पट्टा लिए जाने के आधार पर उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया जाएगा. इस संबंध में भाजपा द्वारा उनके पास शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी. हालांकि संबंधित विषय के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में करतार सिंह भदाना बनाम हरि सिंह नालवा (2002) 4 एससीसी 661 और सीवीके राव बनाम दांतू भास्करा राव एआईआर 1965 एससी 93 के दो आधिकारिक एवं बाध्यकारी न्याय निर्णयों द्वारा पूर्णतः आच्छादित किया गया है, जिसमें पूरी तरह से स्पष्ट व्यवस्था दी गयी है कि खनन पट्टा लिए जाने से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए के प्रावधान के अंतर्गत अयोग्यता उत्पन्न नहीं होती है. फिर भी इस विषय में मंतव्य गठन के लिए संविधान के अनुच्छेद 192 के अंतर्गत उनके रेफरेंश के अनुसरण में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सुनवाई की गयी.
सीएम ने राज्यपाल से कहा कि भारतीय संविधान के प्रावधान के अनुसार निर्वाचन आयोग को अपना मंतव्य उनके समक्ष प्रस्तुत करना है. तत्पश्चात उन्हें सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर यथोचित कार्रवाई करनी है, फिर भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के सार्वजनिक बयानों से यह प्रतीत होता है कि निर्वाचन आयोग द्वारा अपना मंतव्य भारतीय जनता पार्टी को सौंप दिया गया है. उन्होंन राज्यपाल से कहा उनके कार्यालय के कथित स्रोतों एवं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बयानों को उदधृत करते हुए पिछले 25 अगस्त से प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में यह व्यापक रूप से प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह मंतव्य दे दिया गया है कि उन्हें पांचवीं झारखंड विधानसभा की सदस्यता से निरर्हित कर दिया गया है. सीएम ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के मंतव्य के संबंध में मीडिया में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रचार भारतीय जनता पार्टी इस भ्रम की स्थिति का उपयोग दलबदल के अस्त्र के रूप में कर अनैतिक रूप से सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है. भाजपा अपने इस अनैतिक प्रयास में कभी सफल नहीं होगी, क्योंकि राज्य गठन के बाद पहली बार हमारी सरकार को लगभग दो तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने बताया कि पांच सितंबर 2022 को यूपीए सरकार ने विधानसभा के पटल पर अपना अपार बहुमत भी साबित किया है और विधायकों द्वारा उनके नेतृत्व में पूर्ण निष्ठा और विश्वास व्यक्त किया गया है.