न्यूज11 भारत
रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब लातेहार के बूढ़ा पहाड़ जाकर आसपास के इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों से संवाद करेंगे. इस दौरान वे उनकी समस्याओं का समाधान करने पर भी चर्चा करेंगे. जानकारी के अनुसार, 27 जनवरी को सीएम नक्सल मुक्त बूढ़ा पहाड़ जायेंगे. जहां कुछ घंटे वे स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं का निबटारा करेंगे.
लातेहार में सीएम एक हाई लेवल कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे है. इसे लेकर तैयारियां अभी से शुरू कर दी गयी है. मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री के साथ राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा भी साथ रहेंगे. बता दें, यह पहला मौका होगा जब सीएम हेमंत नक्सल से प्रभावित मुक्त क्षेत्र का दौरा करेंगे. राज्य सरकार ने पुलिस बलों और केंद्रीय अर्द्ध सैन्य बलों की टुकड़ियों की मदद से बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करा दिया है. लातेहार के जंगलों में 50 वर्ग किलोमीटर से अधिक के दायरे में यह इलाका फैला हुआ है. इन इलाकों को झारखंड के अलावे छत्तीसगढ़ और बिहार के टॉप मोस्ट भाकपा माओवादियों ने अपना अभेद किला बनाया हुआ था.
बता दें, राज्य सरकार की ओर से साल 2022 के 18 अगस्त से बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. इस इलाके को भाकपा माओवादियों का कमांड सेंटर माना जाता था. यह माओवादियों का बैठक करने का क्षेत्र ही नहीं प्रशिक्षण का केंद्र भी था और यहीं से नक्सलियों की तरफ से आसपास के ग्रामीणों के बीच प्रचार सामग्रियों का वितरण किया जाता था. रिपोर्ट के मुताबिक, नक्सलियों ने पुलिस से बचने के लिए यहां पर प्रेशर एक्सप्लोसिव लगा रखे थे.
इस इलाके को नक्सलमुक्त करने के लिए सुरक्षा बलों की तरफ से आधा दर्जन कैंप भी स्थापित किया गया है. जिसमें सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और कोबरा बटालियन के कैंप शामिल है. अपने सर्च अभियान (ऑपरेशन ऑक्टोपस) के जरिए सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके से करीब दो हजार से अधिक लैंड माइंस बरामद कर कई बंकरों को ध्वस्त किया है. जानकारी के लिए आपको बता दें, साल 2014 में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ को यूनिफाइड कमांड एरिया बनाया था. इधर, बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के अभियान में पुलिस को भी काफी नुकसान पहुंचा था, जिसमें 12 से अधिक पुलिस कर्मी और डेढ़ दर्जन से अधिक सुरक्षा बल के जवान हुए थे.