न्यूज 11 भारत
रांची: रांची के एक कोरोना मरीज का सैम्पल भुनेश्वर भेजा गया है. निजी अस्पतल में भर्ती है कोरोना संक्रमित. आईएलबीएस लैब के जीनोम सीक्वेंसर से होगी वैरिएंट की पहचान. स्वास्थ विभाग को रिपोर्ट आने का इंतजार. रिपोर्ट से पता चलेगा कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन है या कोई दूसरा वैरिएंट.
डब्ल्यूएचओ ने जारी किया अलर्ट
कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन की रफ्तार कोरोना से 200 प्रतिशत ज्यादा है. दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने तबाही मचाई थी, उस डेल्टा वैरिएंट से ओमिक्रोन 7 गुना ज्यादा खतरनाक है. यह वैरिएंट किसी को नहीं छोड़ रहा है. बच्चे, वैक्सिन लेने वाले, वैक्सिन नहीं लेने वाले, जिन्हें कोरोना हो चुका है उन्हें भी तेजी से संक्रमित कर रहा है.
कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन को आए सिर्फ 10 दिन हुए हैं. 10 दिनों में यह 33 देशों में पहुंच चुका है. साउथ अफ्रीका में जहां पहला केस मिला था, वहां इसके फैलने की रफ्तार पुराने वाले कोरोना से 200 प्रतिशत ज्यादा पाई गई है. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मिलने के बाद कर्नाटक में दो मामले सामने आ चुके है. दुनियाभर में अब तक इसके करीब 400 केस सामने आ चुके हैं.
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वीओसी कैटेगरी में रखा गया है ओमिक्रोन
डब्ल्यूएचओ ने तमाम जांच के बाद ओमिक्रोन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) कैटेगरी में रखा है. यानी यह वैरिएंट काफी तेजी से फैलता है. ओमिक्रोन वैरिएंट का म्यूटेशन, ट्रांसमिशन की गति और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने की क्षमता को देखकर इसे VOC कैटेगरी में रखा गया है. डब्यूएचओ ने ओमिक्रोन को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. वहीं लोगों को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने को कहा है.
मौजूदा वैक्सीन कारगर नहीं !
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मोर्डना और कई एक्सपर्ट्स इस बात का भी दावा कर रहे हैं कि ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन कारगर नहीं है. इस पर कई तरह के दावे हैं लेकिन मौजूदा व्यवस्था के तहत ही इसे रोकने को लेकर काम किया जा रहा है.